जयपुर। राजस्थान में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) यानी मतदाता सूची के विशेष गहन परीक्षण को लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बड़ा अपडेट दिया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 70.55 प्रतिशत मतदाताओं को किसी भी दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी।
क्योंकि उनके नाम पहले ही पिछली वोटर लिस्ट से मैच हो चुके हैं। महाजन ने कहा कि बिहार से सबक लेते हुए राजस्थान ने पहले ही वोटर्स की मैपिंग शुरू कर दी थी, जिससे प्रक्रिया सरल और पारदर्शी बनी रहेगी।
महाजन ने बताया कि जिन वोटर्स के नाम पिछली SIR से मैच हो चुके हैं, उन्हें कोई पहचान पत्र या दस्तावेज नहीं देना पड़ेगा। जैसे-जैसे बीएलओ घर-घर जाकर फॉर्म भरेंगे, यह आंकड़ा 80 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। फिलहाल राजस्थान में 5.48 करोड़ से ज्यादा वोटर्स हैं। इनमें से 40 वर्ष से अधिक उम्र के 79.32 प्रतिशत वोटर्स और 40 वर्ष से कम उम्र के 22.22 प्रतिशत वोटर्स की मैपिंग पूरी हो चुकी है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि SIR प्रक्रिया वाले 12 राज्यों में राजस्थान वोटर मैपिंग में सबसे आगे है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान में 49.37 प्रतिशत वोटर्स की नेट पर मैपिंग हो चुकी है। इसके मुकाबले गुजरात में 5.73 प्रतिशत, यूपी में 13.41 प्रतिशत, एमपी में 20.09 प्रतिशत और तमिलनाडु में 21.62 प्रतिशत वोटर्स की ही मैपिंग हुई है।
महाजन ने बताया कि हर बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) एक महीने में तीन बार घर-घर जाकर फॉर्म भरवाने का प्रयास करेगा। अगर किसी घर में परिवार नहीं मिलता तो बीएलओ फॉर्म घर पर डालकर नोटिस चस्पा करेगा। इस प्रक्रिया से कोई भी योग्य मतदाता सूची से बाहर नहीं रहे, यह सुनिश्चित किया जाएगा।
SIR की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट 9 दिसंबर को प्रकाशित होगी। इसमें मृत मतदाताओं, डुप्लीकेट नाम वाले, स्थायी रूप से बाहर जा चुके लोगों और दो जगह नाम दर्ज कराने वालों के नाम हटाए जाएंगे। हटाए गए नामों की सूची वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से जारी की जाएगी।
महाजन ने स्पष्ट किया कि वोटर लिस्ट में दो जगह नाम दर्ज कराना अपराध है, और यदि कोई जानबूझकर ऐसा करता है तो उसे एक साल तक की सजा हो सकती है। अब पूरे देश की वोटर लिस्ट मशीन-रीडिंग फॉर्मेट में उपलब्ध है, जिससे डुप्लीकेट नाम पहचानना आसान हो गया है।
SIR के दौरान घुमंतू और बेघर परिवारों तक भी फॉर्म पहुंचाए जाएंगे। इसके लिए बीएलओ के साथ वॉलंटियर्स की मदद ली जाएगी। महाजन ने बताया कि SIR के बाद प्रत्येक बूथ पर औसतन 890 वोटर्स रह जाएंगे। इसके साथ ही राज्य में 8819 नए पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे और कुल बूथों की संख्या बढ़कर 61,309 हो जाएगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि यह अभियान सिर्फ वोटर लिस्ट को सही करने का नहीं, बल्कि लोकतंत्र को और मजबूत बनाने का प्रयास है। “हमारा लक्ष्य है कि हर पात्र व्यक्ति का नाम वोटर लिस्ट में हो और कोई भी दोहरी एंट्री न रहे।

