रबी फसलों की बिजाई आरंभ, सरसों का रकबा गत वर्ष से आगे

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नई दिल्ली। रबी फसलों की बिजाई आरंभ हो चुकी है और उम्मीद के अनुरूप सरसों की तेजी में किसानों की जबरदस्त दिलचस्पी देखी जा रही है। रबी सीजन की इस सबसे प्रमुख तिलहन फसल का थोक मंडी भाव पिछले कई महीनों से सरकारी समर्थन मूल्य से ऊंचा चल रहा है जिससे किसानों को आकर्षक आमदनी हासिल हो रही है।

केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के नवीनतम साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार चालू वर्ष में 2-4 अक्टूबर 2025 तक रबी फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र सुधरकर 27.46 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा जो गत वर्ष की इसी अवधि के बिजाई क्षेत्र 26.92 लाख हेक्टेयर से 54 हजार हेक्टेयर ज्यादा है।

इस वर्ष रबी फसलों का सम्पूर्ण सामान्य औसत क्षेत्रफल 637.37 लाख हेक्टेयर आंका गया है जिससे संकेत मिलता है कि बिजाई की प्रक्रिया लम्बे समय तक जारी रहेगी।

कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल के मुकाबले चालू रबी सीजन के दौरान गेहूं का रकबा 66 हजार हेक्टेयर से गिरकर 35 हजार हेक्टेयर तथा धान का क्षेत्रफल 2.83 लाख हेक्टेयर से घटकर 2.41 लाख हेक्टयर पर अटक गया

लेकिन दूसरी ओर दलहनों का बिजाई क्षेत्र 4.38 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 4.50 लाख हेक्टेयर, तिलहन फसलों का उत्पादन क्षेत्र 18.98 लाख हेक्टेयर से उछलकर 20 लाख हेक्टेयर तथा मोटे अनाजों का रकबा 7 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 20 हजार हेक्टेयर पर पहुंच गया।

दलहन फसलों में चना का उत्पादन क्षेत्र 2.89 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 3.19 लाख हेक्टेयर तथा कुलथी का रकबा 13 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 19 हजार हेक्टेयर पर पहुंचा लेकिन मसूर का बिजाई क्षेत्र 69 हजार हेक्टेयर से घटकर 49 हजार हेक्टेयर तथा मटर का क्षेत्रफल 50 हजार हेक्टेयर से गिरकर 36 हजार हेक्टेयर पर अटक गया।

उड़द, मूंग एवं खेसारी अन्य दलहन फसलों की खेती अत्यन्त सीमित क्षेत्रफल में हुई है। मोटे अनाजों में 17 हजार हेक्टेयर में ज्वार तथा 3 हजार हेक्टेयर में मक्का की बिजाई हुई है।

तिलहनों के संवर्ग में सरसों का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 18.72 लाख हेक्टेयर से उछलकर इस बार 19.78 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जबकि 10 हजार हेक्टेयर में मूंगफली और 7 हजार हेक्टेयर में अलसी की बिजाई हुई है। सूरजमुखी का रकबा 4 हजार हेक्टेयर पर पहुंचा है।