माहेश्वरी नवोदिता डांडिया: गुजराती परिधानों में देर रात तक जमा गरबे का रंग

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कोटा। नवोदिता डांडिया महोत्सव का समापन हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ हुआ। मंडल की अध्यक्ष उत्कर्षा लखोटिया व सचिव वैशाली खुवाल ने बताया कि गुजराती परिधानों में सजे-धजे प्रतिभागियों ने गरबा और डांडिया रास की रंगीन शाम को और भी खास बना दिया। महिलाओं ने पारंपरिक चनिया-चोली और पुरुषों ने कुर्ता-पायजामा पहनकर पारंपरिक गुजराती नृत्य में हिस्सा लिया।

कार्यक्रम का उद्घाटन अखिल भारतीय माहेश्वरी महासभा के पश्चिमांचल के उपसभापति राजेश कृष्ण बिरला ने किया तथा समापन आनंद स्वरूप, मनोज, प्रीति, अंकित राठी परिवार रहा।मुख्य अतिथि समाज के अध्यक्ष राजेश कृष्ण बिरला ने कहा कि समाज को एक सूत्र में बांधने के लिए इस प्रकार के आयोजन आवश्यक हैं। आशा माहेश्वरी ने कहा कि आज ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पूरा गुजरात माहेश्वरी प्रांगण में समा चुका है।

संरक्षिका अंजना शारदा, सुनीता मूंदड़ा एवं पूजा मालपानी ने बताया कि नवोदिता उत्सव के अंतर्गत दोनों दिन के विजेताओं का फाइनल राउण्ड ओयाजित किया गया, जिसमें देर रात तक सभी ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। विजेताओं को समाज के अध्यक्ष राजेश बिरला, मंत्री बिट्ठलदास मूंदड़ा, नंद किशोर काल्या, घनश्याम मूंदडा, महेश अजमेरा, के. जी. जाखेटिया, रामचरण धूत, सुरेशचंद्र काबरा एवं राजेन्द्र शारदा द्वारा पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का संचालन मधु बाहेती ने किया।

अध्यक्ष उत्कर्षा लखोटिया व सचिव वैशाली खुवाल ने बताया कि कार्यक्रम में बजने वाले लोकप्रिय गानों में “धोली तारो ढोल बाजे”, “चोगाड़ा तारा”, “नागाड़ा सांग ढोल बाजे”, और “कमरिया लहराए” शामिल थे। इन धुनों पर लोग झूमते रहे और डांडिया की थाप से पूरा परिसर गुंजायमान हो उठा।

समारोह के अंतिम दिन माहेश्वरी समाज के लोगों ने उत्साहपूर्वक डांडिया खेला और इस अनोखे आयोजन का भरपूर आनंद लिया।