प्रयाग। Mahasnan on Mahashivratri: आज महाशिवरात्रि है और महाकुंभ में अंतिम महास्नान का लेकर संगम पर भक्तों का रेला जमा हो रहा है। यूं देर रात से ही भक्तों ने आस्था की डुबकी लगाना शुरू कर दिया था मगर ब्रह्म मुहुर्त में स्नान के लिए आस्थावान संगम पर तेजी के साथ जमा हो रहे हैं।
पहला मुहुर्त 5 बजे के कुछ बाद से है लेकिन श्रद्धालु संगम में लगातार आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। मेले का आज अंतिम दिन है इसलिए भीड़ बहुत है। अब तक, समाज के हर वर्ग के लगभग रिकॉर्ड 64 करोड़ लोगों ने प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर पवित्र डुबकी लगाई है।
महाकुंभ में शासन के निर्देश पर विशेष तौर पर तैनात वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. आशीष कुमार गोयल ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि महाशिवरात्रि पर शहर के सभी शिवालयों और महाकुंभ क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा और व्यवस्थाओं को पुख्ता किया जाएं।

श्रद्धालु नजदीक के घाट पर करेंगे स्नान
महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए महाकुंभ पुलिस ने ऐसा प्लान बनाया है, जिससे वह नजदीक के घाट पर स्नान कर सकेंगे। इसके लिए सभी दिशाओं से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग घाट निर्धारित किए गए हैं।
मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित
पुलिस आयुक्त प्रयागराज तरुण गाबा ने शहर की यातायात व्यवस्था पर विशेष जोर देते हुए कहा कि ट्रैफिक डायवर्जन और रूट प्लान को प्रभावी रूप से लागू किया गया है। मंगलवार शाम छह बजे से पूरे मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है, जिसके तहत किसी भी वाहन का मेला क्षेत्र में प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं से यातायात नियमों और प्रशासनिक दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है ताकि महाशिवरात्रि और महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व को सफलतापूर्वक संपन्न कराया जा सके।
यह बनाई गई है व्यवस्था
- दक्षिणी झूंसी से आने वाले श्रद्धालु संगम द्वार ऐरावत घाट पर स्नान करेंगे।
- उत्तरी झूंसी से आने वाले श्रद्धालु संगम हरिशचंद्र घाट एवं संगम ओल्ड जीटी घाट पर स्नान करेंगे।
- परेड पर आने वाले श्रद्धालु संगम द्वार भरद्वाज घाट, संगम द्वार नागवासुकि घाट, संगम द्वार मोरी घाट, संगम द्वार काली घाट, संगम द्वार रामघाट एवं संगम द्वार हनुमान घाट पर स्नान करेंगे।
- अरैल क्षेत्र से आने वाले श्रद्धालु संगम द्वार अरैल घाट पर स्नान करेंगे।
- पांटून पुलों का संचालन श्रद्धालुओं के भीड़ के दबाव के अनुसार किया जाएगा।
चाक-चौबंद इंतजाम…
- 47 हजार सुरक्षा कर्मियों ने संभाली आखिरी स्नान पर्व की कमान
- 42 घाटों पर आखिरी डुबकी के लिए सुगम व्यवस्था
- 2750 हाईटेक कैमरों से हर गतिविधि पर रखी जा रही है नजर
- 1.50 लाख शौचालयों से दिखाई गई स्वच्छता की राह

