नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने महाराष्ट्र में लगभग 18.51 लाख टन सोयाबीन की खरीद को मंजूरी दे दी है और किसानों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण 30 अक्टूबर से शुरू हो गया है।
राज्य में किसानों से सोयाबीन की औपचारिक खरीद 15 नवंबर से 5328 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर शुरू होगी, जो अगले तीन महीनों तक जारी रहेगी। किसानों को सोयाबीन बेचने के लिए पंजीकरण कराने हेतु 31 दिसंबर, 2025 तक का समय दिया गया है। इस घोषणा के बाद, महाराष्ट्र में सोयाबीन की कीमतों में तेजी आई है।
भावांतर योजना: इस बीच, मध्य प्रदेश में भावांतर योजना लागू हो गई है, जिसे लेकर किसान और व्यापारी ज़्यादा उत्साहित नहीं हैं। नतीजतन, सोयाबीन की कीमतों में थोड़ी नरमी आई है। राजस्थान में सोयाबीन की सरकारी खरीद को लेकर जल्द ही कोई फैसला होने की उम्मीद है।
प्लांट डिलीवरी भाव: 25-31 अक्टूबर के सप्ताह के दौरान, मध्य प्रदेश में सोयाबीन के प्लांट डिलीवरी भाव में 75 रुपये प्रति क्विंटल तक की गिरावट आई, जबकि महाराष्ट्र में 180 रुपये और राजस्थान में 75 रुपये की वृद्धि हुई। महाराष्ट्र में सोयाबीन का प्लांट डिलीवरी भाव बढ़कर 4,700 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।
सोयाबीन तेल (रिफाइंड): हालांकि, रिफाइंड सोयाबीन तेल की कीमतों पर दबाव बना रहा। मध्य प्रदेश में कीमतें ₹15-25 प्रति 10 किलोग्राम और महाराष्ट्र में ₹10-15 प्रति 10 किलोग्राम तक गिर गईं। कोटा में सोयाबीन तेल की कीमतें ₹15 घटकर ₹1,270 प्रति 10 किलोग्राम, मुंबई में ₹20 घटकर ₹1,250 प्रति 10 किलोग्राम, बंगाल में ₹5 घटकर ₹1,240 प्रति 10 किलोग्राम और हल्दिया में ₹15 घटकर ₹1,240 प्रति 10 किलोग्राम रह गईं। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी कुछ नरमी रही।
आवक : प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में 28 अक्टूबर को 7.40 लाख बोरी, 29 अक्टूबर को 8.40 लाख बोरी और 30 अक्टूबर को 7.60 लाख बोरी सोयाबीन की आवक हुई। प्रत्येक बोरी का वजन 100 किलो या 1 क्विंटल है। मध्य प्रदेश की मंडियों में प्रतिदिन 4-5 लाख बोरी सोयाबीन की आवक हो रही है, जबकि महाराष्ट्र में 2.25-2.50 लाख बोरी प्रतिदिन आ रही है। राजस्थान सहित अन्य राज्यों में अब आवक बढ़ रही है।

