पीली मटर भारत में 31 मई 2025 तक आयात शुल्क से मुक्त
मुम्बई। हालांकि केन्द्र सरकार ने तुवर एवं उड़द के शुल्क मुक्त आयात की समय सीमा को एक साल के लिए बढ़ाकर 31 मार्च 2026 तक निर्धारित कर दिया है और 31 मई 2025 तक पीली मटर के आयात को भी शुल्क मुक्त कर दिया है मगर मसूर एवं देसी चना के आयात को शुल्क मुक्त श्रेणी से बाहर निकालकर उस पर 10-10 प्रतिशत का मूल सीमा शुल्क लगा दिया है।
मसूर के साथ एक खास बात यह है कि द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत भारत द्वारा ऑस्ट्रेलिया के लिए प्रत्येक वर्ष 1.50 लाख टन का कोटा नियत किया जाता है और इसके आयात पर आधा सीमा शुल्क लगता है। अभी तक मसूर का शुल्क मुक्त आयात हो रहा था इसलिए सीमा शुल्क का सवाल नहीं उठ रहा था लेकिन 8 मार्च 2025 से 10 प्रतिशत का शुल्क लागू होने के बाद इसका आंकलन आरंभ हो गया।
नियत कोटे के तहत ऑस्ट्रेलिया से 1.50 लाख टन मसूर के आयात पर 5 प्रतिशत का ही सीमा शुल्क लगेगा लेकिन इससे अधिक मात्रा का आयात होने पर 10 प्रतिशत का शुल्क लागू हो जाएगा। चना के साथ कोई कोटा सिस्टम प्रभावी नहीं है।
वैश्विक स्तर पर देखा जाए तो यूरोपीय संघ में जुलाई 2024 से ही रूस तथा बेलारूस से आयातित सभी कृषि उत्पादों पर 50 प्रतिशत का सीमा शुल्क लागू है जबकि रूस ने 1 जनवरी 2025 से केवल ई ए ई यू को छोड़कर बाकी सभी देशों के लिए चना, मसूर एवं मटर के निर्यात पर 5 प्रतिशत का सीमा शुल्क लगा रखा है।
उधर चीन ने कनाडा से मटर तथा कैनोला एवं इसके मूल्य संवर्धित उत्पादों पर 100 प्रतिशत का आयात शुल्क लगा दिया है जो 20 मार्च 2025 से प्रभावी हो चुका है।
हालांकि अमरीका द्वारा दुनिया के विभिन्न देशों से आयातित वस्तुओं पर अलग-अलग मगर ऊंचे स्तर का सीमा शुल्क लगाने की घोषणा की गई थी लेकिन चीन को छोड़कर अन्य देशों के लिए इसे तीन माह या 90 दिनों तक स्थगित कर दिया गया है।
चीन पर कुल मिलाकर 125 प्रतिशत का आयात शुल्क पहले ही लगाया जा चुका है जबकि इससे आगे 20 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाने का भी प्लान है जिससे शुल्क की दर बढ़कर 145 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी।
चीन ने भी अमरीकी उत्पादों पर 84 प्रतिशत का आयात शुल्क लगा दिया है। अमरीका ने कनाडा एवं मैक्सिको के सामानों पर 25-25 प्रतिशत की दर से आयात शुल्क लगाने की घोषणा की थी।

