मसालों का निर्यात अप्रैल-जून तिमाही में 29% बढ़ा, जीरा का शिपमेंट घटा

0
19

कोच्चि। भारतीय मसाला बोर्ड के आंकड़ों से ज्ञात होता है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यानी अप्रैल-जून 2025 के दौरान देश से मसालों का शिपमेंट बढ़कर 5,19,469 टन पर पहुंच गया

जो पिछले साल की समान अवधि के शिपमेंट 4,02,220 टन से करीब 29 प्रतिशत अधिक रहा। यह स्थिति तब है जब जीरा के निर्यात में 19 प्रतिशत की भारी गिरावट आ गई। समीक्षाधीन अवधि के दौरान मसालों की निर्यात आय भी 5 प्रतिशत बढ़कर 1.19 अरब डॉलर पर पहुंच गई।

मसाला बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल की तुलना में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान जीरा का निर्यात 19 प्रतिशत घटकर 62,861 टन तथा सौंफ का निर्यात 74 प्रतिशत लुढ़ककर 8907 टन पर अटक गया।

इसी तरह बड़ी (काली) इलायची का निर्यात 7 प्रतिशत गिरकर 323 टन तथा हींग, दालचीनी, तेजपत्ता, कम्बोज और केसर जैसे मसालों का संयुक्त निर्यात 29 प्रतिशत घटकर 12,401 टन पर सिमट गया।

इसके अलावा सेलेरी का निर्यात 39 प्रतिशत घटकर 1350 टन, जायफल-जावित्री का निर्यात 14 प्रतिशत गिरकर नीचे आ गया। मिंट उत्पादों (मेंथोल, मेंथॉल क्रिस्टल तथा मिंट ऑयल) का निर्यात भी 18 प्रतिशत की गिरावट के साथ 5424 टन रह गया।

दूसरी ओर समीक्षाधीन अवधि के दौरान कई मसालों के निर्यात में शानदार बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। इसके तहत अदरक (सौंठ) का निर्यात 371 प्रतिशत की जबरदस्त बढ़ोत्तरी के साथ 49,078 टन तथा लालमिर्च का निर्यात 94 प्रतिशत बढ़कर 2,21,029 टन पर पहुंच गया।

इसी तरह धनिया का निर्यात 14 प्रतिशत बढ़कर 19,101 टन तथा हल्दी का निर्यात 3 प्रतिशत सुधरकर 47,950 टन पर पहुंच गया। मसाला बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-जून 2025 की तिमाही में गत वर्ष की समान अवधि के मुकाबले छोटी इलायची का निर्यात 29 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2301 टन,

कालीमिर्च का निर्यात 11 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 5339 टन तथा लहसुन का निर्यात 9 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 12,147 टन पर पहुंचा। भारत से दुनिया के अनेक देशों को मसालों का निर्यात किया जाता है।