भोपाल। नव वर्ष से पूर्व राज्य के किसानों को अच्छी सौगात देते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 28 दिसंबर को 3.77 लाख से अधिक सोयाबीन उत्पादक किसानों के बैंक खाते में संशोधित भावान्तर भुगतान योजना के अंतर्गत 810 करोड़ रुपए की राशि का ट्रांसफर कर दिया।
देश के इस सबसे प्रमुख सोयाबीन उत्पादक राज्य में कुछ वर्षों के अंतराल के बाद पुनः भावान्तर भुगतान योजना लागू की गई है। भावान्तर भुगतान योजना के तहत बैंक खाते में रकम के ट्रांसफर के लिए रतलाम जिले के जावरा शहर में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
इसमें मुख्यमंत्री ने सिंगल क्लिक के जरिए किसानों के खाते में पैसा भेज दिया। इससे 12,386 स्थानीय किसानों के खाते में भी 20.74 करोड़ रुपए जमा हो गए। इसको मिलाकर राज्य सरकार द्वारा 6.25 लाख से अधिक किसानों के बैंक खाते में लगभग 1300 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।
मध्य प्रदेश में किसानों को पंजीकृत मंडियों में सोयाबीन की बिक्री पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से जितना कम दाम मिलता है उसकी भरपाई भावान्तर भुगतान योजना के तहत सरकार द्वारा की जाती है। इस बार सोयाबीन का एमएसपी 5328 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि भावान्तर भुगतान योजना सिर्फ एक प्रोग्राम नहीं है बल्कि किसानों की समृद्धि के प्रति सरकार का गहरा सम्मान और मजबूत संकल्प का संकेत भी है। सही किसानों को उचित समय पर भावान्तर का भुगतान किया जा रहा है
और आगे भी इसकी प्रक्रिया जारी रहेगी सोयाबीन उत्पादकों के लिए यह एक बेहतर योजना है और इससे किसानों को राहत मिल रही है। वर्ष 2026 में भी किसानों के कल्याण के लिए तमाम योजनाएं समर्पित की जाएंगी।

