नई दिल्ली। चालू सप्ताह में लाल मिर्च का कारोबार सुस्त रहा। त्योहारी सीजन के कारण अधिकांश खपत केंद्रों में मंडियां बंद रहीं। निर्यात व्यापार भी सीमित रहा। प्रमुख उत्पादक राज्य आंध्र प्रदेश में बारिश के कारण गुंटूर बाजार में आवक भी कम रही। आवक कम रही। मध्य प्रदेश के बाजारों में नई आवक शुरू हो गई है।
नवंबर में आवक का दबाव बनेगा। हालांकि, कम उत्पादन के कारण दबाव के बावजूद कीमतों में बड़ी गिरावट की संभावना नहीं है। सूत्रों का कहना है कि बुवाई के समय कम कीमतों के कारण इस साल सभी उत्पादक राज्यों में रकबा कम हुआ है।
मध्य प्रदेश में रकबा 25-30 फीसदी कम हुआ है, जबकि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में बुवाई में 30-35 फीसदी की कमी आने की खबरें हैं। कर्नाटक में भी पिछले साल के मुकाबले बुवाई कम हुई। बुवाई के रकबे में कमी के कारण लगातार दूसरे साल लाल मिर्च के उत्पादन में गिरावट का अनुमान है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में जनवरी में नई लाल मिर्च की आवक शुरू होगी।
खराब बुआई और मौजूदा प्रतिकूल मौसम के कारण देश में लाल मिर्च का उत्पादन लगातार दूसरे साल कम होने का अनुमान है। सूत्रों का मानना है कि चालू सीजन में मध्य प्रदेश में लाल मिर्च का उत्पादन 20-25 लाख बोरी रहने का अनुमान है। 2024 में उत्पादन 30-32 लाख बोरी और 2023 में 35-38 लाख बोरी रहने का अनुमान है।
प्रमुख उत्पादक राज्यों, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में जनवरी की फसल भी कम रहने का अनुमान है। उल्लेखनीय है कि आंध्र प्रदेश में लाल मिर्च का उत्पादन, जो 2023 में लगभग 2 करोड़ बोरी (प्रत्येक बोरी का वजन 40-45 किलोग्राम) होने का अनुमान था, 2024 में घटकर 1.5 करोड़ बोरी रह गया है।
चालू वर्ष 2025-26 के दौरान भी उत्पादन में गिरावट की खबरें हैं। अनुमान है कि आगामी फसल लगभग 1.25 करोड़ बोरी ही रहेगी। तेलंगाना में भी उत्पादन में गिरावट का अनुमान लगाया जा रहा है। पिछले साल तेलंगाना में उत्पादन 60-65 लाख बोरी होने का अनुमान था, जबकि 2023 में उत्पादन 75-80 लाख बोरी होने की उम्मीद थी।
जानकारों का मानना है कि निकट भविष्य में लाल मिर्च की कीमतों में कोई खास उतार-चढ़ाव की संभावना नहीं है। मध्य प्रदेश में आपूर्ति के दबाव के कारण कीमतों में 2-4 रुपये प्रति किलो की गिरावट आ सकती है। इससे अधिक गिरावट की संभावना नहीं है।
आंध्र प्रदेश के गुंटूर बाजार में अच्छी क्वालिटी की मिर्च की कीमतों में गिरावट के कारण लाल मिर्च की आवक कम हो रही है, जबकि निर्यात मांग स्थिर बनी हुई है। फिलहाल गुंटूर बाजार में लाल मिर्च की आवक 30-40 हजार बोरी की है, जबकि खम्मम में आवक 8-10 हजार बोरी की है। गुंटूर बाजार में तेजा क्वालिटी की मिर्च 147/148 रुपये प्रति किलो और खम्मम में 150/151 रुपये प्रति किलो बोली जा रही है।
बांग्लादेश से लगातार खरीदारी के चलते चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में लाल मिर्च के निर्यात में 63 फीसदी की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि, कीमतें कम होने से राजस्व में 31 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-जुलाई 2025 के दौरान लाल मिर्च का निर्यात 270,867 टन हुआ, जिससे निर्यात राजस्व 3888.61 करोड़ रुपये रहा।
पिछले साल अप्रैल-जुलाई 2024 में लाल मिर्च का निर्यात 165,923 टन हुआ था, जिससे निर्यात राजस्व 2977.95 करोड़ रुपये रहा था। 2024-25 (अप्रैल-मार्च) के दौरान कुल लाल मिर्च का निर्यात 715,506 टन हुआ और इससे 11404.90 करोड़ रुपये की आय हुई।

