मथुराधीश रथ यात्रा मनोरथ: ठाकुर जी को निहारते रहे भक्त, लगे जयकारे

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कोटा। शुद्धाद्वैत प्रथम पीठ श्री बड़े मथुराधीश मंदिर पाटनपोल पर शनिवार को रथयात्रा मनोरथ हुआ। महोत्सव के दौरान मथुराधीश प्रभु रथ पर सवार होकर निज तिबारी में भक्तों को दर्शन देने पधारे तो भक्तों ने जयकारों से आसमान गूंजा दिया। इस दौरान रथ को रंग-बिरंगी झालरों से सजाया गया था।

रथ के पीछे पिछवाई और चंदरवा लगे थे। प्रभु का आकर्षक श्रृंगार किया गया था। इस दौरान प्रातः 10 बजे से दर्शन प्रारम्भ हुए। इसके बाद 4 बार के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। मनोरथ के दौरान सुमधुर संगीत के साथ कीर्तन के पद गूंज रहे थे।

रथ यात्रा के बाद से प्रभु की ग्रीष्मकालीन सेवा प्रणाली में भी बदलाव कर दिया गया है। रथ यात्रा महोत्सव के बाद प्रभु के सामने जल का छिड़काव, फव्वारा, खस, कुंजा और चंदन के परदे हटा दिए जाते हैं। सिंहासन के सामने जल का प्रयोग भी बंद कर दिया जाता है।

प्रभु के राजभोग में दही भात, पना समेत अन्य शीतल सामग्री बन्द हो जाएगी। प्रभु को भोग में आम, जामुन, अंकुरी, आमरस और आम व खोपरा से बनी अन्य सामग्री अर्पित की जाएगी। वर्षा काल के समय प्रभु के कीर्तनों में राग मल्हार की आलापचारी प्रारंभ हो गई।