भारत से जीरा एवं धनिया का निर्यात बढ़ा, किन्तु सौंफ एवं मेथी का घटा

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राजकोट। दुनिया के सबसे प्रमुख मसाला उत्पादक एवं निर्यातक देश भारत से जीरा, धनिया, सौंफ एवं मेथी सहित अन्य मसालों एवं मसाला उत्पादों का निर्यात निरन्तर जारी है।

उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार अगस्त 2024 की तुलना में अगस्त 2025 के दौरान देश से जीरा एवं धनिया के निर्यात में कुछ बढ़ोत्तरी हुई मगर सौंफ एवं मेथी का शिपमेंट कमजोर रहा।

समीक्षाधीन अवधि के दौरान जीरा का निर्यात 14,496 टन से करीब 36 टन सुधरकर 14,532 टन तथा धनिया का निर्यात 4120 टन से 346 टन बढ़कर 4466 टन पर पहुंच गया।

दूसरी ओर इसी अवधि में सौंफ का निर्यात 4544 टन से 632 टन गिरकर 3912 टन तथा मेथी का शिपमेंट 4110 टन से 643 टन घटकर 3467 टन पर अटक गया।

इससे पूर्व अगस्त 2023 के दौरान भारत से 8082 टन जीरा, 1230 टन सौंफ, 7473 टन धनिया एवं 2072 टन मेथी का निर्यात किया गया था। ध्यान देने की बात है कि इन चारों मसाला फसलों की खेती रबी सीजन में होती है और गुजरात, राजस्थान तथा मध्य प्रदेश इसके शीर्ष उत्पादक राज्य है। इन फसलों की बिजाई आरंभ हो गई है।

इसके अलावा देश से हल्दी, लालमिर्च, कालीमिर्च, छोटी-बड़ी इलायची, जायफल- जावित्री एवं लहसुन सहित अनेक मसालों का निर्यात बड़े पैमाने पर होता है।

लालमिर्च एवं हल्दी खरीफ कालीन मसाला फसल है जबकि कालीमिर्च, इलायची एवं जायफल जावित्री का उत्पादन बागानों में होता है। रबी कालीन मसालों की कीमतों में सीमित उतार-चढ़ाव जारी है इसलिए इसके बिजाई क्षेत्र पर ध्यान रखना आवश्यक होगा। मसाला फसलों की बिजाई के लिए खेतों की मिटटी में नमी का पर्याप्त अंश मौजूद है और मौसम भी अनुकूल बना हुआ है।