कोटा। Anemia free Rajasthan: राजस्थान में महिलाओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए भारत विकास परिषद (उत्तर-पश्चिम क्षेत्र) ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। स्वास्थ्य पहल एनीमिया मुक्त राजस्थान अभियान के तहत 5 अगस्त को पूरे प्रदेश में एक साथ एक लाख से अधिक किशोरियों व महिलाओं की एनीमिया जांच की जाएगी।
इसके साथ ही एनीमिया को लेकर बड़े स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित होंगे, ताकि महिलाओं को इस बीमारी के दुष्प्रभाव से बचाया जा सके। प्रांतीय अध्यक्ष रवि शंकर मूंदड़ा एवं प्रांतीय महासचिव हिमांशु चतुर्वेदी ने बताया कि भारत विकास परिषद ने इस व्यापक अभियान में राजस्थान सरकार के साथ साझेदारी की है।
परिषद की 245 शाखाओं के 15,000 से अधिक कार्यकर्ता इस महाअभियान में भाग लेंगे और 1100 से अधिक स्थानों पर जांच शिविर आयोजित होंगे। आयोजन में स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग एवं स्थानीय प्रशासन की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई है।
क्षेत्रीय सचिव महिला सहभागिता सुनीता गोयल (जोली) ने बताया कि भारत विकास परिषद 1963 से सेवा और संस्कार आधारित परियोजनाओं के माध्यम से स्वस्थ, समर्थ व संस्कारित भारत के निर्माण में जुटी है। परिषद की 1600 शाखाएं और एक लाख से अधिक सदस्य देशभर में इस उद्देश्य के लिए कार्यरत हैं। वर्ष 2020 में परिषद ने एनीमिया मुक्त भारत को राष्ट्रीय प्रकल्प के रूप में स्वीकार किया और तब से इस दिशा में लगातार काम हो रहा है।
प्रकल्प प्रभारी डॉ. प्रियंका सैनी (प्रांतीय संयुक्त महासचिव) व प्रांतीय महिला संयोजिका उमा पालीवाल ने जानकारी दी कि स्वास्थ्य विभाग जयपुर ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को आवश्यक सहयोग हेतु निर्देशित किया है। प्रदेश के स्कूल, महाविद्यालय, सेवा बस्तियों सहित सरकारी व गैर-सरकारी संस्थानों को जांच शिविरों के लिए चयनित किया गया है।
सभी तैयारियाँ युद्धस्तर पर जारी हैं। विशेष रूप से दक्षिण पूर्व प्रांत जिसमें कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ जिले की 35 शाखाओं के जरिए 40,000 से अधिक जांचों का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए 175 जांच केंद्रों का गठन किया गया है।
स्थानीय स्तर पर शाखाएं, चिकित्सा विभाग और सामाजिक प्रतिनिधियों के सहयोग से समितियाँ गठित की गई हैं। शिविरों में जांच के साथ-साथ स्वस्थ जीवनशैली, पोषण युक्त आहार, और चिकित्सकीय परामर्श भी प्रदान किए जाएंगे। जरूरतमंदों को आयरन सप्लीमेंट्स व पोषण किट (गुड़, चना आदि) भी निःशुल्क वितरित की जाएंगी।
यह अनूठी पहल न केवल महिलाओं के स्वास्थ्य सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि एनीमिया मुक्त राजस्थान के सपने को साकार करने की दिशा में भारत विकास परिषद का अनुकरणीय प्रयास भी है।

