नई दिल्ली। अमेरिका को भारत समेत वे देश नहीं अखर रहे जिनकी दोस्ती रूस के साथ है। भारतीय दूतावास सीनेटर लिंडसे ग्राहम (रिपब्लिकन) और रिचर्ड ब्लूमेंथल (डेमोक्रेट) ने एक बिल पेश किया है। इसका नाम Sanctioning Russia Act of 2025 है। यह बिल रूस से तेल और ऊर्जा उत्पाद खरीदने वाले देशों पर दबाव बढ़ाएगा। खासकर भारत और चीन पर। यह बिल बहुत बड़ा और विवादों से भरा है।
इस बिल में एक खास बात है। अगर कोई देश रूस से तेल, गैस या यूरेनियम खरीदता है तो उस देश से अमेरिका में आने वाले सामान पर 500% का टैक्स लगेगा। इससे वह सामान बहुत महंगा हो जाएगा। यह बिल इसलिए लाया गया है ताकि दुनिया रूस पर ऊर्जा के लिए निर्भर न रहे और यूक्रेन में युद्ध के लिए रूस को सजा दी जा सके। इस बिल से पूरी दुनिया में हलचल मची हुई है।
इस बिल का भारत पर इसका बहुत बुरा असर पड़ेगा। क्योंकि रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से भारत सस्ते रूसी तेल से बहुत फायदा उठा रहा है। साल 2024 में भारत के इस बिल का भविष्य अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर भी निर्भर करता है।
उन्हें यह बिल अभी जैसा है, वैसा पसंद नहीं है। यह बिल सामान्य आर्थिक प्रतिबंधों से अलग है। यह बिल सीधे रूसी कंपनियों या बैंकों को निशाना नहीं बनाता, बल्कि यह उन देशों को मजबूर करता है जो रूस से ऊर्जा खरीदते हैं। अगर वे ऐसा करते हैं तो उनके अमेरिका को होने वाले निर्यात पर जुर्माना लगाया जाएगा।
बिल में यह भी कहा गया है कि अमेरिका में आने वाले सामान पर 500% का टैक्स लगेगा। राष्ट्रपति के पास यह अधिकार होगा कि वे 180 दिनों के लिए इस टैक्स को रोक सकते हैं। दूसरी बार भी टैक्स को रोका जा सकता है, लेकिन इसके लिए कांग्रेस की मंजूरी जरूरी होगी। खबरों के अनुसार ट्रंप इस बिल पर तभी साइन करेंगे जब उन्हें इसे लागू करने का पूरा अधिकार मिलेगा।

