भारत में मलेशिया से 9 माह में सबसे ज्यादा 3.01 लाख टन पाम तेल का आयात

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कुआलालम्पुर। मलेशियन पाम ऑयल कौंसिल (एम्पोक) ने कहा है कि जून की तुलना में जुलाई माह के दौरान मलेशिया से भारत को पाम तेल का सकल निर्यात 16 प्रतिशत बढ़कर 3.01 लाख टन पर पहुंच गया जो पिछले 9 महीनों का सबसे ऊंचा स्तर रहा।

इसके बावजूद जुलाई के अंत में मलेशिया में पाम तेल उत्पादों का कुल बकाया अधिशेष स्टॉक उछलकर 21.10 लाख टन के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया जो गत 19 महीनों का सर्वोच्च स्तर है।

इसका प्रमुख कारण उत्पादन में वृद्धि होना तथा कुल निर्यात का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहना है।एम्पोक द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि भारत में खाद्य तेलों की मांग आगे मजबूत रहने की उम्मीद है क्योंकि यहां त्यौहारी सीजन आरंभ हो चुका है और आयातक दीपावली से पूर्व पाम तेल सहित अन्य खाद्य तेलों का भारी आयात करके इसका बड़ा स्टॉक बनाने का प्रयास कर सकते हैं।

उधर अफ्रीका में उप-सहारा क्षेत्र के देशों में भी करीब 3 लाख टन पाम तेल का आयात होने की उम्मीद है जिससे मलेशिया निर्यात को कुछ अतिरिक्त समर्थन मिल सकता है। बयान में कहा गया है कि यद्यपि मलेशिया में फरवरी 2025 से ही पाम तेल के बकाया अधिशेष स्टॉक में बढ़ोत्तरी का सिलसिला जारी है लेकिन फिर भी बाजार पर आपूर्ति का दबाव सीमित देखा जा रहा है इसलिए कीमतों में जोरदार गिरावट नहीं आ रही है।

उधर इंडोनेशिया में बायो डीजल का कार्यक्रम पटरी पर व्यवस्थित ढंग से चल रहा है और फरवरी से वहां इसके निर्माण में प्रति माह 10 लाख टन से अधिक पाम तेल का इस्तेमाल हो रहा है। इसके फलस्वरूप वहां पाम तेल का अत्यन्त विशाल बकाया अधिशेष स्टॉक नहीं बन रहा है।

अमरीका में लगातार बढ़ती घरेलू मांग के कारण सोयाबीन तेल की कीमतों में तेजी-मजबूती का रूख देखा जा रहा है। इसके फलस्वरूप चालू माह (अगस्त) के लिए मलेशियाई पामोलीन की तुलना में सोयाबीन तेल का दाम अर्जेन्टीना में 131 डॉलर प्रति टन तथा अमरीका में 148 डॉलर प्रति टन ऊंचा हो गया है। अमरीकी सोया तेल की कीमतों में उछाल आने से अन्य खाद्य तेलों का दाम भी सुधर रहा है।