भारत में चावल का उत्पादन रिकार्ड स्तर 1510 लाख टन के पार पहुंचने का अनुमान

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नई दिल्ली। पिछले कुछ वर्षो से देश में धान चावल का शानदार उत्पादन हो रहा है और इसके घरेलू उपयोग तथा बकाया स्टॉक में भी बढ़ोत्तरी हो रही है अमरीकी कृषि विभाग (उस्डा) की नवीनतम मासिक (जुलाई) रिपोर्ट में भारत में चावल का उत्पादन 15.10 करोड़ टन पर पहुंचने की संभावना व्यक्त की गयी है जो जून की रिपोर्ट में लगाए गए अनुमान के बराबर ही है।

उस्डा ने चावल की घरेलू खपत 12.65 करोड़ टन होने का अनुमान लगाया है जबकि चावल का निर्यात बढ़कर 250 लाख टन के सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंचने की उम्मीद व्यक्त की है। इसके बावजूद देश में चावल का अंतिम बकाया अधिशेष स्टॉक बढ़कर 445 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान लगाया है।

उस्डा की रिपोर्ट के अनुसार 2025-26 के मार्केटिंग सीजन में चावल का वैश्विक व्यापार कुछ सुधरकर 618 लाख टन पर पहुंचने के आसार है। इसके तहत केवल म्यांमार से चावल के निर्यात अनुमान में थोड़ी वृद्धि की गई है जबकि अन्य शीर्ष आपूर्तिकर्ता देशो -भारत, थाईलैंड, वियतनाम, पाकिस्तान एवं अमरीका अदि से चावल के निर्यात के अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

दूसरी ओर चावल के वैश्विक बकाया स्टॉक का अनुमान 5 लाख टन घटाकर अब 18.73 करोड़ टन निर्धारित किया गया है जो जून की रिपोर्ट में नियत अनुमान 18.78 करोड़ टन से 5 लाख टन कम है। इसके तहत चीन और म्यांमार में स्टॉक कुछ घटने की संभावना है।

पिछले बकाया स्टॉक के साथ चावल की कुल वैश्विक उपलब्धता का अनुमान 72.89 करोड़ टन के पूर्व स्तर पर ही बरकरार रखा गया है जबकि इसकी वैश्विक खपत का अनुमान 6 लाख टन बढ़कर 54.16 करोड़ टन नियत किया गया है जो एक न्य रिकार्ड स्तर है चीन में फीड निर्माण उद्योग में चावल की मांग बढ़ने की संभावना है उधर फिलीपींस और घाना जैसे देशो में बकाया स्टॉक कुछ अधिक रहने की उम्मीद है भारत से चावल के विशाल निर्यात का सिलसिला जारी रहेगा।