नई दिल्ली। पिछले साल की तुलना चालू खरीफ सीजन के दौरान मोटे अनाजों का उत्पादन क्षेत्र 175.93 लाख हेक्टेयर से 11.19 लाख हेक्टेयर बढ़कर 187.12 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है जो पंचवर्षीय औसत क्षेत्रफल 180.71 लाख हेक्टेयर से भी अधिक है। इसके तहत खासकर मक्का के बिजाई क्षेत्र में 9.76 लाख हेक्टेयर का शानदार इजाफा हुआ है जबकि बाजरा एवं रागी का रकबा भी कुछ बढ़ा है।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि गत वर्ष के मुकाबले इस बार खरीफ कालीन ज्वार का क्षेत्रफल 13.98 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 13.90 लाख हेक्टेयर पर अटक गया लेकिन बाजरा का बिजाई क्षेत्र 66.90 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 67.20 लाख हेक्टेयर,
रागी का रकबा 7.27 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 7.99 लाख हेक्टेयर तथा मक्का का उत्पादन क्षेत्र 83.58 लाख हेक्टेयर से उछलकर 93.34 लाख हेक्टेयर के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया। अन्य स्माल मिलेट्स का रकबा पिछले साल के 4.20 लाख हेक्टेयर से बढ़कर इस बार 4.68 लाख हेक्टेयर हो गया।
मक्का के उत्पादन क्षेत्र में इस बार जबरदस्त बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद पहले से ही की जा रही थी क्योंकि इसकी घरेलू मांग एवं खपत में भारी इजाफा होने से किसानों को आकर्षक आमदनी प्राप्त हो रही थी।
मक्का का सामान्य औसत क्षेत्रफल इस बार 78.95 लाख हेक्टेयर आंका गया है जबकि वास्तविक क्षेत्रफल इससे काफी ऊपर पहुंच चुका है। एथनॉल उद्योग में मक्का की खपत तेजी से बढ़ती जा रही है जबकि अन्य परम्परागत खपतकर्ता क्षेत्रों में भी इसकी मांग बढ़ रही है। पिछले साल के मुकाबले इस बार देश के अधिकांश प्रमुख उत्पादक राज्यों में मक्का के बिजाई क्षेत्र में वृद्धि हुई है और आमतौर पर फसल की हालत सामान्य बताई जा रही है।
कुछ क्षेत्रों में भारी वर्षा एवं बाढ़ से फसल को थोड़ा-बहुत नुकसान होने की खबर मिल रही है मगर अन्य इलाकों में फसल की बेहतर स्थिति को देखते हुए कुल उत्पादन गत वर्ष से अधिक होने की उम्मीद है। आगामी अक्टूबर से मक्का फसल की कटाई-तैयारी आरंभ हो जाएगी।

