भारत पर हमले के लिए चीन ने पाकिस्तान की पीठ थपथपाई, जानिए क्यों

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नई दिल्ली। भारत के खिलाफ हुए संघर्ष में चीन अब पाकिस्तान की तारीफ करता हुआ नजर आ रहा है। मंगलवार को ही चीन और पाकिस्तान के वायुसेना के अधिकारियों की बैठक की थी। कहा जा रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन लगातार पाकिस्तान को समर्थन दे रहा था। हाल ही में भारतीय CDS अनिल चौहान ने चेताया था कि चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश की मिलीभगत भारत की सुरक्षा पर असर डाल सकती है।

खास बात है कि यह ऐसे समय पर हो रहा है, जब एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि चीन ने फ्रांस में बने राफेल के खिलाफ अभियान चलाया था। पाकिस्तानी एयर फोर्स चीफ एयर मार्शल जहीर अहमद बाबर सिद्धू और चीनी वायुसेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल वांग गांग ने मुलाकात की थी। इस बैठक के बाद बयान जारी किया गया है, जिसमें पाकिस्तानी वायुसेना की तारीफ की गई थी। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार, वांग ने पीएएफ की अत्याधुनिक क्षमताओं की तारीफ की है।

रिपोर्ट के अनुसार, वांग ने भारत के साथ हुए संघर्ष में पाकिस्तानी वायुसेना के प्रदर्शन को भी सराहा है। उन्होंने PAF के प्रदर्शन को ‘बिना उकसावे के आक्रमण के सामने सटीकता, अनुशासन और साहस का एक आदर्श उदाहरण बताया है।’ साथ ही पाकिस्तान के पायलटों की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने यह भी कहा कि चीन की वायुसेना पाकिस्तानी के अनुभव से सीखने के लिए उत्सुक है।

उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान जहां सिर्फ सामने नजर आ रहा था, वहीं चीन पर्दे के पीछे से अपने सदाबहार मित्र को हरसंभव सहायता दे रहा था, और तुर्किये भी इस्लामाबाद को सैन्य साजोसामान की आपूर्ति करके प्रमुख भूमिका निभा रहा था। उन्होंने कहा कि सात से 10 मई के बीच हुए संघर्ष के दौरान भारत वास्तव में कम से कम तीन शत्रुओं से निपट रहा था।

लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने सुझाव दिया कि चीन अपने उपग्रहों का उपयोग भारतीय सैन्य तैनाती की निगरानी के लिए कर रहा था, क्योंकि पाकिस्तानी सेना को डीजीएमओ (सैन्य अभियान महानिदेशक) स्तर की फोन वार्ता के दौरान इसके बारे में सीधी जानकारी मिल रही थी।

लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने चीन की ’36 चालों’ की प्राचीन सैन्य रणनीति और ‘दूसरे के कंधे पर बंदूक रखकर’ दुश्मन को मारने की रणनीति का उल्लेख करते हुए इस बात पर जोर दिया कि बीजिंग ने भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए पाकिस्तान को हरसंभव समर्थन दिया।

राफेल पर फैलाया झूठ
फ्रांसीसी सैन्य और खुफिया अधिकारियों की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने मई में भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष के बाद फ्रांस निर्मित राफेल लड़ाकू विमानों के प्रदर्शन के बारे में भ्रम की स्थिति पैदा करने की जिम्मेदारी अपने दूतावासों को दी थी, ताकि इस विमान की प्रतिष्ठा और बिक्री को नुकसान पहुंचाया जा सके।

एसोसिएटेड प्रेस द्वारा देखी गई फ्रांसीसी खुफिया सेवा की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के दूतावासों में रक्षा अधिकारियों (डिफेंस अताशे) ने राफेल की बिक्री को प्रभावित करने के लिए अभियान चलाया, जिसका उद्देश्य उन देशों को राजी करना था, जिन्होंने पहले से ही फ्रांस निर्मित लड़ाकू विमान का ऑर्डर दे दिया है – विशेष रूप से इंडोनेशिया- कि वे राफेल विमान न खरीदें तथा अन्य संभावित खरीदारों को चीन निर्मित विमान चुनने के लिए प्रोत्साहित किया।