नई दिल्ली। रॉ यानी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के पूर्व प्रमुख विक्रम सूद ने भारत के साथ अन्य मुल्कों के रिश्ते पर खुलकर बात की। इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि भारत को सबसे ज्यादा खतरा किन देशों से है। उनका आकलन ऐसे समय पर सामने आया है, जब चीन, अमेरिका, पाकिस्तान, बांग्लादेश के साथ भारत के रिश्ते तल्ख हो गए हैं। हालांकि, चीन के साथ भारत के संबंध फिर सुधरते नजर आ रहे हैं।
NDTV से बातचीत में सूद ने कहा, चीन की नजरों में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका कमजोर होता नजर आ रहा है, जिसके चलते भारत के लिए स्थिति काफी अनिश्चितता भरी हो गई है। उन्होंने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि अमेरिका हमारा सबसे अच्छा दोस्त था, लेकिन चीन ऐसा देश है जिसने हमारे प्रति अपना अपमान और अविश्वास कभी नहीं छिपाया।’
उन्होंने कहा, ‘वो सीमा पर हैं और हमारे लिए मुश्किल पैदा कर सकते हैं। इस तरह से वो हमारे लिए मौजूदा खतरा हैं। अमेरिका दूर का खतरा है। अगर कहें, तो वो हमारा जीवन असहज बना सकते हैं।’ यह पूछे जाने पर कि चीन से खतरा क्या है, तो उन्होंने कहा, ‘हमारे पास ऐसी सीमा है, जिसका सीमांकन नहीं हुआ है। यह ऐसी चीज है जिसका दोनों पक्ष फायदा उठा सकते हैं।’
चैनल से बातचीत में सूद ने कहा, ‘शीर्ष दो-तीन, चार, पांच देशों में अमेरिका एक है, चीन है, रूसी हो सकते हैं, लेकिन वो ऐसा नहीं करेंगे। यह मेरा आकलन है। पाकिस्तान आपको तंग करेगा, लेकिन चीन एक ऐसा है जो आपको नुकसान पहुंचा सकता है। अन्य दोनों पर हमें हर समय नजर रखनी होगी।’
पूर्व रॉ प्रमुख ने भारत को गंभीरता से अमेरिका का अध्ययन करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा, ‘हमने अमेरिका का ठीक से अध्ययन नहीं किया है। हमने उसे जिज्ञासा के साथ सतही पढ़ा है। हमने पूरा इतिहास नहीं पढ़ा। मुझे ऐसा लगता है कि इस बारे में हमने ज्यादा प्रयास नहीं किया…।’
सूद का आकलन है कि अमेरिका खुद को यह भरोसा दिलाना चाहता है कि नियंत्रण उसके पास है, लेकिन वो ‘थोड़ा डरा हुआ भी है’ कि वो दूसरे या तीसरे स्थान पर खिसक सकता है। ऐसे में टैरिफ एक सिग्नल के तौर पर काम कर रहे हैं, जो बताते हैं कि अमेरिका अब भी नंबर एक है।
उन्होंने कहा, ‘कोई प्रतिक्रिया दे उससे पहले ही तेजी से मार करो और जीत का दावा कर दो। लेकिन इसका लाभ उतना नहीं मिला, जितना मिलना चाहिए था और मुझे लगता है कि यह इसलिए भी बैकफायर कर सकता है, क्योंकि आप टैरिफ बढ़ाते हैं तो अपनी कीमतें भी बढ़ाते हैं। आप मेरे उत्पाद लेना बंद कर सकते हैं, लेकिन अगर यह आपके देश में उपलब्ध नहीं होगा तो आप इसके बदले में क्या देंगे। आपके पास उत्पादन की क्षमता नहीं है।’
सूद ने कहा कि पहली बात तो यह ऑपरेशन सिंदूर के दौरान परमाणु की धमकी देना ‘बिल्कुल उस बच्चे की तरह है, जो एक कोने में फंस गया है और फिर आकर कहता है कि मैं तुम्हारे साथ ऐसा कर दूंगा, मुझे जाने दो। मुझे नहीं लगता कि कहीं भी कोई इतना पागल है कि परमाणु बटन दबा देगा।’ उन्होंने कहा कि दूसरी बात यह है कि जहां तक भारत की बात है, तो पाकिस्तान नहीं बदलने वाला है।

