श्री धरणीधर बहुउद्देशीय सहकारी समिति लिमिटेड कोटा की वार्षिक आमसभा
कोटा। दुनिया के लिए सहकारिता एक मॉडल है, लेकिन भारत के लिए यह संस्कृति का आधार है और जीवन पद्धति है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरणा भी सहकारिता से ही मिली थी। इससे न केवल आर्थिक सशक्तिकरण हुआ, बल्कि स्वतंत्रता सेनानियों को एक सामाजिक मंच भी मिला।
यह बात ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने रविवार को खड़े गणेश जी स्थित वृंदावन गार्डन में कही। वे धरणीधर सहकारी समिति की वार्षिक आमसभा में मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि हमारे वेदों में कहा गया है, “हम सभी को एक साथ चलना चाहिए और एक स्वर में बोलना चाहिए, जबकि हमारे उपनिषद हमें शांतिपूर्वक रहने के लिए कहते हैं, हमें सह-अस्तित्व का महत्व सिखाते हैं, यह एक ऐसा भाव है, जो भारतीय परिवारों का भी अभिन्न अंग है और इसी तरह सहकारिता की उत्पत्ति का मूल भी यही है।” आज देश और प्रदेश में सहकारिता आंदोलन का विस्तार हो रहा है। यूएनओ द्वारा 2025 को अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किया गया है।
उन्होंने कहा कि समाज के जरूरतमंद लोगों को न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने में सहकारी समितियां गहरा योगदान दे रही हैं। जीवन के उतार चढ़ाव में कम ब्याज दर पर मिलने वाला ऋण बहुत सहयोगी होता है और जीवन को पटरी पर लाने में भी संबल प्रदान करता है।
इस दौरान समिति के पूर्व अध्यक्ष भूपेंद्र धाकड़, श्री धाकड पंचायत कोटा महानगर अध्यक्ष चंद्रप्रकाश नागर, समिति अध्यक्ष रामकुमार नागर, सचिव बजरंग लाल नागर, कोषाध्यक्ष धनराज नागर, रमेश नागर चतरपुरा, संचालक मण्डल सदस्य महावीर नागर, राजेन्द्र नागर, कपिल साग्रित्रा, रमेश चन्द्र, बुद्धिप्रकाश, नरेन्द्र नागर एडवोकेट, वन्दना नागर, भारती नागर, पंकज नागर, रमेश चन्द्र नागर जाखोडा, ओमप्रकाश नागर, इन्द्र कुमार नागर, हरीश नागर आदि उपस्थित रहे।

