नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया है। साथ ही उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को ‘मृत’ बताया है। यानी ऐसा देश जो दुनिया में तेजी से नीचे जा रहा है। ट्रंप के इस बयान पर अर्थशास्त्रियों और जानकारों में आपत्ति जताई है।
यही नहीं, अमेरिका के कई विभाग के अधिकारियों ने हाल ही में ऐसा डेटा पेश किया है जिससे पता चलता है कि ट्रंप के कारण उनका देश ‘गड्ढे’ में जा रहा है। ट्रंप इस डेटा से खिसिया गए हैं और एक अधिकारी को नौकरी से निकाल दिया है। अगर वह भारत की अर्थव्यवस्था के आंकड़ों को देख लें तो उनकी नींद उड़नी तय है।
भारतीय अर्थव्यवस्था के आंकड़े देखने के बाद हो सकता है कि वह अमेरिका की ही अर्थव्यवस्था को मृत मान लें। हालांकि वे ऐसा मानेंगे नहीं। कारण साफ है- वह अपने दूसरे कार्यकाल में काफी जिद्दी हो गए हैं। अमेरिका को फिर से महान बनाने के चक्कर में अपने ही देश का बंटाधार करने में लगे हैं।
विकास दर
भारत की आर्थिक विकास दर 2025-26 में 6.5% तक पहुंचने की उम्मीद है। यह अमेरिका (1.9%) और चीन (4.8%) से ज्यादा है। इसका मतलब है कि भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है।
वैश्विक विकास में योगदान
भारत चीन के बाद दूसरा देश होगा जो साल 2030 तक वैश्विक जीडीपी विकास को आगे बढ़ाएगा।
दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। भारत की जीडीपी 4.187 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा है।
संभावित विकास
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि भारत में 6.5 से 7% की विकास दर की क्षमता है। यह जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। वहीं अमेरिका की क्षमता 2 से 2.5% है।
अमेरिका के मुकाबले कम कर्ज
भारत के पास अमेरिका के मुकाबले काफी कम कर्ज है। आईएमएफ के अनुसार अमेरिका पर जीडीपी का करीब 123% कर्ज है। वहीं भारत पर कर्ज करीब 83% ही है। ऐसे कई मौके आए जब अमेरिका कर्ज के कारण दिवालिया होने की दहलीज तक पहुंच गया था।
भारत की युवा शक्ति
भारत में युवाओं की आबादी बहुत ज्यादा है। इससे देश को आर्थिक विकास में मदद मिलेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले वर्षों में भारत सबसे बड़े खपत बाजारों में से एक बन जाएगा, क्योंकि यहां युवाओं की आबादी ज्यादा है। अगले 20 वर्षों तक भारत की कामकाजी उम्र की आबादी बढ़ती रहेगी, जबकि अमेरिका में बूढ़े लोगों की आबादी बढ़ रही है।
आईएमएफ ने भी माना भारत का लोहा
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 30 वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था में काफी विकास हुआ है। अमेरिका की अर्थव्यवस्था 1995 से चार गुना बढ़ गई है। लेकिन उसके करीबी व्यापारिक साझेदार जैसे यूके की अर्थव्यवस्था तीन गुना से भी कम बढ़ी है। जर्मनी की अर्थव्यवस्था तो दोगुनी भी नहीं हो पाई है। इसके विपरीत भारत की अर्थव्यवस्था आज साल 1995 की तुलना में लगभग 12 गुना बड़ी है। यानी अमेरिका के कई गुना ज्यादा।
अमेरिका को पीछे छोड़ देगा भारत
भारत की अर्थव्यवस्था जिस गति से आगे बढ़ रही है, उसे देखकर लगता है कि यह अमेरिका को भी पीछे छोड़ देगी। ऐसा दावा टाइम मैगजीन में किया गया है। साल 2023 में प्रकाशित एक लेख में बताया गया है कि अगर भारत अगले 20 सालों तक तेजी से बढ़ता बढ़ता रहा तो साल 2073 तक अमेरिका से आगे निकल जाएगा। ये दोनों ही बातें मुमकिन हैं, भले ही पूरी तरह से तय न हों। इसका मुख्य कारण भारत की युवा आबादी को भी बताया गया है।
अमेरिकी अधिकारी खोल रहे पोल
ट्रंप ने जबसे दूसरी बार अमेरिका की सत्ता संभाली है, देश का बंटाधार हो चुका है। हाल ही में आए अमेरिका के आर्थिक आंकड़े ट्रंप के ‘स्वर्ण युग’ लाने के वादे की पोल खोलते नजर आ रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में नौकरियां कम हो रही हैं। महंगाई बढ़ रही है। पिछले साल की तुलना में आर्थिक विकास धीमा हो गया है। इस रिपोर्ट के बाद ट्रंप ने इस आंकड़ों को नकार दिया और उस एजेंसी के प्रमुख को ही निकाल दिया जो हर महीने नौकरियों के आंकड़े जारी करती है।

