भारत की आर्थिक विकास दर वित्त वर्ष 2025-26 में 6.5% रहने का अनुमान

0
46

मुम्बई। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा है कि वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान भी भारत दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था वाले देश का दर्जा बरकरार रखने में सफल हो जाएगा और वहां सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का विकास दर 6.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।

इसका प्रमुख कारण निजी निवेश में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी और मैक्रो इकोनॉमिक क्षेत्र में जारी स्थिरता है। आईएमएफ के अनुसार भारत का मजबूत आर्थिक प्रदर्शन देश को अनेक महत्वपूर्ण एवं चुनौतीपूर्ण ढांचागत सुधारों की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने का ठोस आधार और सुनहरा अवसर प्रदान करेगा।

भारत ने वर्ष 2047 तक विकासशील देशों की सूची से बाहर निकलकर विकसित देशों की श्रेणी में शामिल होने का जो महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है उसमें इस तरह की विकास दर काफी सहायक साबित हो सकती है।

आईएमएफ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में वित्त वर्ष 2024-25 तथा 2025-26 के दौरान जीडीपी की वास्तविक विकास दर 6.5 प्रतिशत रहने के आसार हैं। वहां वित्तीय स्थिरता एवं मजबूती बरकरार है, घरेलू मांग एवं खपत में बढ़ोत्तरी होने से प्राइवेट कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने का अवसर मिल रहा है और स्थूल आर्थिक विकास की गति तेज बनी हुई है।

भारत सरकार द्वारा जारी दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान देश की अर्थव्यवस्था 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। शीर्ष मुद्रा स्फीति (महंगाई) की दर गिरकर नियत लक्ष्य के आसपास रह जाने की संभावना है क्योंकि खाद्य उत्पादों की कीमतों में तेजी अब नरमी में बदलने लगी है।

वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में अधिकांश कृषि एवं खाद्य जिंसों के दाम में गिरावट दर्ज की जा रही है जिसमें दाल-दलहन मुख्य रूप से शामिल है। उम्मीद की जा रही है कि आगामी वित्त वर्ष के दौरान खाद्य महंगाई पर काफी हद तक अंकुश लगा रह सकता है।