साहित्य संस्था भारतेन्दु समिति का कोटा में नया भवन बनेगा : राजेश बिरला
कोटा। भारतेंदु समिति की ओर से हिंदी साहित्य के पुरोधा भारतेंदु हरिश्चंद्र जी की 175वीं जयंती के उपलक्ष्य में मंगलवार शाम माहेश्वरी भवन झालावाड़ रोड पर साहित्यकार सम्मान समारोह आयोजित किया गया।
इस अवसर पर समिति की त्रैमासिक पुस्तिका चिदम्बरा एवं गीतकार एवं साहित्कार लेखक रमेश चंद्र ‘अनिल’ की पुस्तिका तुम्हारे गीता का विमोचन किया गया। कार्यक्रम का संचालन रामेश्वर शर्मा रम्मू भैया ने किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं भारतेंदु प्रतिमा पर पुष्पांजलि से हुआ। स्वागत भाषण में अध्यक्ष हरिकृष्ण बिरला ने कहा कि भारतेंदु हरिश्चंद्र ने हिंदी भाषा को केवल अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं, बल्कि राष्ट्रीय चेतना और सामाजिक जागरण का सशक्त साधन बनाया। उनके साहित्य ने समाज को नई दिशा दी, उनके विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं।
कार्यक्रम समन्वयक व रेडक्रॉस सोसायटी के स्टेट प्रसिडेंट राजेश कृष्ण बिरला ने कहा कि भारतेंदु हरिश्चंद्र हिंदी साहित्य के पितामह व हिंदी में आधुनिकता के पहले रचनाकार रहे है। श्री भारतेंदुजी ने रीतिकाल की विकृत सामन्ती संस्कृति की पोषक वृत्तियों को छोड़कर स्वस्थ परंपरा की भूमिका अपनाई और नवीनता के बीज बोये।
इस अवसर पर समन्वयक राजेश बिरला ने भारतेन्दु समिति के नए भवन के लिए भी केडीए से जमीं लेने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि पुराना भवन छोटा पड़ता है, इसलिए अब नए भवन की जरूरत महसूस की जाने लगी है।
पंकज मेहता ने कहा कि हिंदी साहित्य में आधुनिक काल का प्रारंभ भारतेंदु हरीशचंद्र से माना जाता है। साहित्यकार विपुल सक्सेना ने कहा कि भारतेंदु ने साहित्य को सामाजिक सरोकारों से जोड़कर जनजागरण का कार्य किया। उनके योगदान के कारण ही हिंदी साहित्य आधुनिक युग में एक नई ऊंचाई पर पहुंचा।
उन्होंने हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में प्रतिष्ठित करने की दिशा में अपनी प्रतिभा का उपयोग किया। समारोह में महापौर राजीव अग्रवाल भी उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि भारतेंदु की लेखनी आज भी समाज को प्रेरित करती है। उन्होंने कार्यक्रम में कविता पाठ भी किया।
इस अवसर पर देशभर से आए साहित्यकारों को साहित्यश्री सम्मान 2025 से विभूषित किया गया। हनुमान प्रसाद सक्सेना हिंदी सम्मान नई दिल्ली की रचना मजूमदार को और सुधाश्री सम्मान कोटा के मनोज गौत्तम को प्रदान किया गया।
महामंत्री सुनील जायसवाल ने बताया कि इस वर्ष 15 साहित्यकारों को साहित्यश्री सम्मान से सम्मानित किया गया, जिनमें डॉ. आरती वर्मा (कानपुर), डॉ. मनीषा शर्मा कोटा, डॉ. युगल सिंह कोटा, ,डॉ. हिमानी भाटिया, कोटा,मनु वशिष्ठ कोटा, शिखा अग्रवाल भीलवाड़ा, विश्वनाथ तंवर, सरदारशहर, आदर्श नंदन गुप्ता आगरा, पदम गोधा गुरूग्राम, राममोहन कौशिक कोटा, विवेकशंकर कोटा, कालीचरण राजपूत कोटा, जोधराज परिहार कोटा, दीपक शर्मा कोटा एवं दुर्गाशंकर वैष्णव कोटा का नाम शामिल है।
समारोह का संचालन रामेश्वर शर्मा ‘रामू भैया’ ने किया। आयोजन को सफल बनाने में कोषाध्यक्ष राजेन्द्र शारदा, साहित्य मंत्री प्रदीप सक्सेना, गोपाल शारदा, उमेश गांधी, पंकज जायसवाल, सुरेशचंद काबरा, रवि झंवर, राजीव मेवाड़ा, महेन्द्र खण्डेवाल, महेन्द्र शर्मा, निजामुद्दीन बब्लू, अजय बाकलीवाल, महेशचंद अजमेरा और प्रमोद कुमार भण्डारी सहित अनेक साहित्यप्रेमियों का योगदान रहा। कार्यक्रम कोटा से साहित्याकार,कवि व विभिन्न समाजो के प्रतिनिधियों ने भी शिकरत की।

