भारतीय अर्थव्यवस्था में 14.8% की गिरावट का अनुमान

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नई दिल्ली। ग्लोबल रेटिंग और रिसर्च एजेंसी गोल्डमैन सैश ने भारतीय अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट का अनुमान जताया है। एजेंसी के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 के लिए इकॉनमी में 14.8 फीसदी की भारी गिरावट का अनुमान है। इससे पहले एजेंसी ने 11.8 फीसदी की गिरावट का अनुमान दिया था। गोल्डमैन सैश का कैलेंडर ईयर 2020 में 11.1 फीसदी की गिरावट का अनुमान है, जबकि इससे पहले 9.6 फीसदी के गिरावट का अनुमान था। इसके अलावा फिच रेटिंग्स और इंडिया रेटिंग ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ में भारी गिरावट का अनुमान जताया है।

अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में ग्रोथ का अनुमान
फिच रेटिंग्स ने भी मंगलवार को जीडीपी ग्रोथ का आकड़ा जारी किया है। एजेंसी को भारतीय अर्थव्यवस्था में 10.5 प्रतिशत की भारी गिरावट का अनुमान है। हालांकि एजेंसी ने अनुमान जताया है कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर ) में ग्रोथ हो सकती है। इस दौरान अर्थव्यवस्था में सुधार की रफ्तार धीमी और असमान रहने का भी अनुमान है। फिच रेटिंग्स ने इससे पहले चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी में 5 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया था।

घरेलू रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग एंड रिसर्च ने वित्त वर्ष 2021 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में ग्रोथ पर अनुमान घटाया है। एजेंसी ने अब जीडीपी ग्रोथ में 11.8 फीसदी की गिरावट का अनुमान जताया है। इससे पहले एजेंसी ने ग्रोथ में 5.3 फीसदी की गिरावट का अनुमान जताया था।

वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी ग्रोथ का अनुमान

एजेंसीताजा अनुमान (%)पूर्व अनुमान (%)
गोल्डमैन सैश– 14.8-11.1
फिच रेटिंग्स-10.5-5
नोमूरा-10.8-6.1
एचएसबीसी-7.2
इंडिया रेटिंग-11.8-5.3

लॉकडाउन का असर
कोरोना संकट के चलते चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही ( अप्रैल-जून ) में जीडीपी ग्रोथ में रिकॉर्ड 23.9 फीसदी की गिरावट रही। इसमें कंस्ट्रक्शन ग्रोथ -51.4 फीसदी, मैन्यूफैक्चरिंग ग्रोथ -39.3 फीसदी, माइनिंग सेक्टर ग्रोथ -41.3 फीसदी और ट्रेड, होटल, ट्रासंपोर्ट ग्रोथ -47.4 फीसदी की गिरावट शामिल है। केवल एग्री सेक्टर में 3.5 फीसदी की हल्की बढ़त रही। जीडीपी में भारी गिरावट की वजह कोरोना संकट के बीच लगे लॉकडाउन को माना जा रहा है।