भगवान का स्मरण ही मनुष्य जीवन की सार्थकता: विभाश्री माताजी

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कोटा। कल्पद्रुम महा मंडल विधान की शुरुआत विज्ञान नगर के प्रमुख मार्गों पर भव्य घटयात्रा से हुई। मंडप का उद्घाटन राजेश-सोनल सेठिया ने किया, जबकि ध्वजारोहण का पुण्य श्रवण कुमार बडजात्या को प्राप्त हुआ।

सुबह 6 बजे अभिषेक एवं शांतिधारा, 8 बजे घटयात्रा, 9 बजे मंडप उद्घाटन एवं मंडप शुद्धि, 10:21 बजे ध्वजारोहण एवं मंगल प्रवचन का आयोजन हुआ। दोपहर 1 बजे मेहंदी का कार्यक्रम रखा गया, जबकि सायं 6 बजे गुरु भक्ति एवं 7 बजे मंगल आरती सम्पन्न हुई।

मंगल प्रवचन में विभाश्री माताजी ने कहा कि मनुष्य जीवन का सर्वोत्तम परिणाम तभी है जब उसका अंत भगवान के स्मरण में हो। जीवन के सारे सुख-दुःख, यश-अपयश, सफलता-असफलता क्षणिक हैं, परंतु प्रभु का स्मरण शाश्वत है।

उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति जीवन के अंतिम क्षणों में भी भगवान का नाम लेता है, वही वास्तविक विजयी कहलाता है। जैसे एक छोटा बच्चा अपने पिता की ऊँगली पकड़कर निर्भय होकर चलता है, वैसे ही हम सभी को प्रभु की शरण में रहकर जीवन को सार्थक बनाना चाहिए।