भक्तामर मंडल विधान: श्रद्धा से किया गया धर्म ही वास्तविक फल प्रदाता- प्रज्ञासागर

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कोटा। धर्म की आराधना और उपासना से ही जीवन में वास्तविक शक्ति और शांति प्राप्त होती है। जो लोग श्रद्धा और भक्ति के साथ धर्म का पालन करते हैं, उन्हें उसका पूर्ण लाभ मिलता है, जबकि केवल दिखावे के लिए किया गया धर्म फलित नहीं होता। यह विचार आचार्य प्रज्ञासागर महाराज ने प्रवचन के दौरान व्यक्त किए गए।

विशेष अवसर पर श्री भक्तामर मंडल विधान का आयोजन मंत्रोच्चार और वैदिक रीति से संपन्न हुआ। विधान के अंतर्गत 48 श्लोकों का विधिवत उच्चारण एवं अर्घ्य समर्पण किया गया।

यतिश जैन खेडावाला ने कि 26 सितम्बर को श्री चौरस ऋषि विधान, 27 सितम्बर को श्री पंचपरमेष्ठी विधान, 28 सितम्बर को श्री कल्पनाथ मंदिर विधान, 29 सितम्बर को श्री मृत्युंजय विधान, 30 सितम्बर को श्री नक्षत्र विधान तथा समापन 1 अक्टूबर को श्री शांतिनाथ विधान के साथ होगा।