बुआई कम होने से ईसबगोल के भाव में तेजी का अनुमान, जानिए कितनी बढ़ेंगी कीमतें

0
26

नई दिल्ली। वर्तमान में ईसबगोल के भाव तेजी के साथ बोले जा रहे हैं। वर्तमान स्थिति को देखते हुए अभी भी धारणा बाजार में तेजी की बनी हुई है। सूत्रों का कहना है कि उत्पादकों को उनकी उपज का उचित मूल्य न मिलने के कारण प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान में ईसबगोल की बिजाई गत वर्ष की तुलना में 50 प्रतिशत की होने के समाचार है।

इसके अलावा गुजरात में भी बिजाई घटने के समाचार मिल रहे हैं। ईसबगोल के कुल उत्पादन में राजस्थान की हिस्सेदारी 70/75 प्रतिशत एवं गुजरात की 25/30 प्रतिशत की रही है। जानकारों का कहना है कि राजस्थान के नागौर, मेडता, नोखा लाइन पर ईसबगोल की बिजाई 50 प्रतिशत ही हो पाएगी। जबकि चूक, सरदार शहर, रतनगढ़, सूरतगढ़ के अलावा बाड़मेर लाइन पर बिजाई के अनुमान 30/35 प्रतिशत के लगाए गए हैं।

हाल ही में गुजरात कृषि विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार ईसबगोल की बिजाई गत वर्ष की तुलना में मामूली बढ़ी है लेकिन व्यापारी वर्ग सहमत नहीं है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी तक गुजरात में ईसबगोल की बिजाई 4862 हेक्टेयर पर की गई है जबकि गत वर्ष इसी समयावधि के दौरान बिजाई 4526 हेक्टेयर पर हुई थी। गत वर्ष गुजरात में कुल बिजाई 27488 हेक्टेयर पर की गई थी।

उत्पादक केन्द्रों से मिल रहे बिजाई के अनुमान के अनुसार दूसरे वर्ष भी देश में ईसबगोल की पैदावार घटेगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार चालू सीजन के दौरान देश में ईसबगोल का कुल उत्पादन 28/30 लाख बोरी का रहा जबकि वर्ष 2024 के दौरान उत्पादन 38/40 लाख बोरी। (प्रत्येक बोरी 70/75 किलो) का माना गया था। बिजाई घटने के कारण मार्च माह में शुरू होने वाली फसल भी गत वर्ष की तुलना में कम रहेगी।

हाल ही में ईसबगोल की कीमतों में 800/1000 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई है और उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर भाव 11000/13000 रुपए प्रति क्विंटल पर बोले जाने लगे हैं। बाजार में व्यापारिक मनोवृत्ति तेजी की बन गई है। अनुमान व्यक्त किया जा रहा है कि आगामी दिनों में ईसबगोल की कीमतों में 8/10 रुपए प्रति किलो की ओर तेजी संभव है। व्यापारियों का मानना है कि वर्ष 2026 के दौरान के भाव ऊंचे रहेंगे।