बिहार में भाजपा बनी सबसे बड़ी पार्टी; NDA की डबल सेंचुरी, जानिए पीएम मोदी क्या बोले

0
10

पटना। Bihar Chunav Result: पीएम मोदी ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद, हमें देश के कई राज्यों में विधानसभा चुनावों में प्रचंड बहुमत के साथ जीत मिली। जिस हरियाणा की धरती ने ‘जय जवान—जय किसान’ की भावना को आगे बढ़ाया, उस हरियाणा ने हमें लगातार तीसरी बार सेवा का अवसर दिया।

छत्रपति शिवाजी महाराज, बाबा साहेब अंबेडकर और वीर सावरकर की पुण्य भूमि महाराष्ट्र में हमें प्रचंड जीत मिली। लगातार तीसरी बार महाराष्ट्र में हमें जीत मिली। देश की राजधानी में 25 वर्षों बाद हम बहुमत से जीते और आज बिहार में इतनी बड़ी संख्या में जीतकर आए हैं।

2024 लोकसभा चुनाव के बाद, देश के 6 राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए हैं और इन 6 चुनावों में कांग्रेस एक बार भी 100 सीटों का आंकड़ा पार नहीं कर पाई है। आज के दिन, सिर्फ एक चुनाव में जितने हमारे विधायक चुने गए हैं, कांग्रेस पिछले 6 चुनाव में उतने विधायक भी नहीं जीत पाई।

पीएम मोदी ने कहा कि बिहार की जनता ने जो प्रचंड जनादेश दिया है, उसके लिए मैं सभी कार्यकर्ताओं की तरफ से बिहार की जनता का हार्दिक अभिनंदन और धन्यवाद करता हूं। आज की यह विजय एक नई यात्रा की शुरुआत है।

बिहार ने जो भरोसा हम पर जताया है, उसने हमारे कंधों पर जिम्मेदारी और बढ़ा दी है। मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं… आने वाले पांच सालों में बिहार और तेज गति से आगे बढ़ेगा। बिहार में नए उद्योग लगेंगे।

बिहार के नौजवानों को बिहार में ही रोजगार मिले, इसके लिए काम किया जाएगा। बिहार में निवेश आएगा, और यह निवेश ज्यादा नौकरियां लेकर आएगा। बिहार में पर्यटन का विस्तार होगा, लोगों को बिहार का नया सामर्थ्य दिखाई देगा। बिहार में हमारे तीर्थों, आस्था के स्थानों और ऐतिहासिक धरोहरों का कायाकल्प होगा।

बिहार ने लोकतंत्र के दुश्मनों को करारा जवाब दिया: पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज के ये चुनाव परिणाम उन तत्वों के लिए भी बिहार की सशक्त प्रतिक्रिया हैं, जो बेधड़क दावा करते थे कि बिहार को एक्सप्रेसवे या हाईवे की आवश्यकता नहीं। यहां उद्योगों की कोई जरूरत ही नहीं है। बिहारवासियों को ट्रेनों या हवाई जहाजों से क्या मतलब? ये नतीजे परिवारवाद के विरुद्ध विकास-केंद्रित राजनीति को मिला एक मजबूत जनमत हैं।

भारत के प्रगति-यात्रा में बिहार की जनता का योगदान हमेशा अहम रहा है। लेकिन जो लोग दशकों तक सत्ता की बागडोर संभाले रहे, उन्होंने बिहार की एक काल्पनिक और नकारात्मक छवि रची। उन्होंने बिहार को बदनाम करने में कोई कसर न छोड़ी।

न तो उन्होंने बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का आदर किया, न ही यहां के निवासियों की गरिमा को। जो लोग छठ पूजा जैसे पवित्र पूजा को महज नाटक कह सकते हैं, वे बिहार की परंपराओं का सम्मान कैसे कर सकते हैं?