बिजाई घटने की संभावना से सौंफ की कीमतों में तेजी का अनुमान

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नई दिल्ली। वर्तमान में सौंफ में निर्यात एवं लोकल व्यापार सीमित रह गया है लेकिन कीमतों में तेजी की संभावना के चलते स्टॉकिस्ट भाव घटाकर बिकवाल नहीं है। सूत्रों का कहना है कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए संभावना व्यक्त की जा रही है कि दूसरे वर्ष भी देश में सौंफ की पैदावार कम रहेगी।

क्योंकि अभी तक मिली जानकारी के अनुसार प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात एवं राजस्थान में इस वर्ष सौंफ की बिजाई गत वर्ष की तुलना में कम रहेगी। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष देश में सौंफ की बिजाई 92 हजार हेक्टेयर पर की गई थी जबकि वर्ष 2024 में बिजाई का क्षेत्रफल 197 लाख हेक्टेयर का रहा था। वर्ष 2026 के लिए बिजाई क्षेत्रफल में 10/15 प्रतिशत की कमी आने के पूर्वानुमान लगाए जा रहे हैं।

वर्तमान में उत्पादक केन्द्रों पर बिजाई का कार्य जोरों पर चल रहा है। चालू सप्ताह के दौरान गुजरात कृषि विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार गुजरात में सौंफ की बिजाई गत वर्ष के 20040 हेक्टेयर के मुकाबले 18262 हेक्टेयर पर की गई।

उल्लेखनीय है कि गत सीजन में गुजरात में सौफं की कुल बिजाई 4528 हजार हेक्टेयर पर की गई थी जबकि राजस्थान में बिजाई 38 हजार हेक्टेयर पर की गई थी।

उल्लेखनीय है कि 31 अक्टूबर के अंक में लिखा था कि सौंफ की कीमतों में मन्दा नहीं है और उस समय सौंफ का निर्यात भाव 78/79 रुपए चल रहा था। इसके पश्चात 13 नवम्बर को भी लिखा था कि सौंफ के दामों में मन्दा नहीं है और आगामी दिनों में कीमतों में 8/10 रुपए प्रति किलो की तेजी संभव है उस समय सौंफ का निर्यात भाव 84/85 रुपए चल रहा था।

जोकि वर्तमान में बढ़कर 92/93 रुपए प्रति किलो के स्तर पर बोला जा रहा है। हमारा मानना है कि उत्पादक केन्द्रों पर कमजोर बिजाई के समाचारों एवं आगामी दिनों में निर्यात मांग निकलने पर अभी कीमतों में ओर तेजी संभव है। क्योंकि नई फसल फरवरी -मार्च माह में शुरू होगी।

उत्पादक केन्द्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार बिजाई क्षेत्रफल में कमी आने के कारण 2026 के दौरान भी देश में सौंफ की पैदावार कम रहने की संभावना है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2024 में देश में सौंफ की रिकॉर्ड पैदावार 38/40 लाख बोरी (प्रत्येक बोरी 55 किलो) की रही जोकि वर्ष 2025 में घटकर 18/20 लाख बोरी की रह गई।

वर्ष 2024-25 के दौरान सौंफ का रिकॉर्ड निर्यात होने के पश्चात वर्ष 2025- 26 के प्रथम 6 माह में सौंफ का निर्यात बुरी तरह से घटा है। एक ओर जहां मात्रात्मक रूप में 65 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है वहीं आय भी 53 प्रतिशत घटी है। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-सितम्बर 2025 के दौरान सौंफ का निर्यात 18351 टन का रहा और निर्यात से प्राप्त आय 232.36 करोड़ की रही।

जबकि अप्रैल-सितम्बर 2024 के दौरान सौंफ का निर्यात 53187 टन का रहा था और प्राप्त आय 493.57 करोड़ की रही थी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2024-25 (अप्रैल-मार्च) के दौरान सौंफ का रिकॉर्ड निर्यात 76586 टन का हुआ था और निर्यात से प्राप्त आय 765.44 करोड़ की रही थी।