वाशिंगटन। US Fed Rate Cut: अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने बुधवार को लगातार तीसरी बार अपनी मुख्य ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की। इस कटौती के बाद दर लगभग 3.6 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो करीब तीन सालों में सबसे कम स्तर है। फेड ने कहा है कि वह अब कुछ समय तक इंतजार करेगा। आगे दर घटाने का फैसला वह अर्थव्यवस्था की हालत देखकर ही करेगा।
फेड के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अब अधिकारी आने वाले आर्थिक आंकड़ों को ध्यान से देखेंगे। उन्होंने कहा कि अभी जो ब्याज दर है, वह ऐसी जगह पर है जहां न तो यह अर्थव्यवस्था को ज्यादा तेज करती है और न ही उसे धीमा करती है। ताजा आर्थिक अनुमान रिपोर्ट में भी यह संकेत मिला है कि अगले वर्ष दरों में केवल एक अतिरिक्त कटौती की उम्मीद है।
इस बार ब्याज दर में कटौती के फैसले पर तीन अधिकारियों ने असहमति जताई। पिछले छह सालों में पहली बार इतना बड़ा मतभेद देखने को मिला है। इससे पता चलता है कि समिति में लोगों की राय अलग-अलग है।
दो अधिकारियों ने दर को स्थिर रखने का समर्थन किया था, जबकि स्टीफन मिरन ने आधा प्रतिशत की ज्यादा कटौती की मांग की। दिसंबर की बैठक में इस मतभेद के और बढ़ने की संभावना है, क्योंकि कुछ सदस्य रोजगार बढ़ाने के लिए कटौती चाहते हैं और कुछ चाहते हैं कि महंगाई ऊंची होने के कारण दर को अभी न बदला जाए।
राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने इस कटौती को बहुत कम बताते हुए कहा कि कटौती कम से कम दोगुनी होनी चाहिए थी। उन्होंने यह संकेत भी दिया कि वे जल्द ही नए फेड चेयर की नियुक्ति कर सकते हैं क्योंकि पॉवेल का कार्यकाल मई में समाप्त हो रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप द्वारा चुना गया नया चेयर दरों में अधिक तेज कटौती की मांग कर सकता है।
अर्थव्यवस्था पर उम्मीद
फेड के फैसले के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में अच्छी तेजी देखी गई। निवेशकों को लगा था कि पॉवेल आगे ब्याज दरें घटाने पर सख्त बात करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसी कारण एस एंड पी 500 शेयर सूचकांक 0.7 प्रतिशत बढ़ गया और अक्टूबर में बने अपने रिकॉर्ड के करीब बंद हुआ। पॉवेल ने यह भी कहा कि लोग अभी भी अच्छे से खर्च कर रहे हैं और कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई से जुड़े कामों में पैसा लगा रही हैं। इससे अगले साल अर्थव्यवस्था को मदद मिल सकती है।
महंगाई अब भी बड़ी चिंता
फेड की बैठक उस समय हुई जब अमेरिका में महंगाई ज्यादा है। पिछले पांच साल में चीजों के दाम करीब 25 प्रतिशत बढ़ गए हैं। पॉवेल ने कहा कि लोग आज भी 2022 और 2023 की ज्यादा महंगाई का असर महसूस कर रहे हैं, क्योंकि उस समय कीमतें बहुत बढ़ गई थीं। उन्होंने बताया कि फेड का लक्ष्य है कि महंगाई को 2 प्रतिशत तक लाया जाए, लेकिन इसमें अभी थोड़ा और समय लगेगा।

