नई दिल्ली। EPFO Pension: प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों पेंशन को लेकर हमेशा टेंशन में रहते हैं। क्योंकि जिस तरह से सरकारी कर्मचारियों को रिटायर होने के बाद अच्छी खासी पेंशन मिलती है उतनी प्राइवेट कर्मचारियों को नहीं मिलती। लेकिन अब खबर है कि प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों को अब न्यूनतम पेंशन 7500 रुपये की मिलेगी। अभी यह 1000 रुपये है। हालांकि, इसे बढ़ाने के लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ (EPFO) प्राइवेट कर्मचारियों के लिए कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) चलाती है। जिनका भी पीएफ कटता है उसका कुछ हिस्सा पेंशन के रूप में जाता है जो ईपीएस में जमा होता है। एंप्लाइज पेंशन स्कीम को 1995 में शुरू किया गया था।
एंप्लाइज पेंशन स्कीम को ईपीएफओ द्वारा मैनेज किया जाता है। ईपीएफओ अपने सदस्यों को इसके जरिए पेंशन देता है। हालांकि, पेंशन पाने के लिए कर्मचारियों को न्यूनतम 10 साल तक पीएफ कटना अनिवार्य है। अगर आप एक प्राइवेट कर्मचारी हैं और 10 सालों तक आपने पीएफ कटवा लिया तो आप पेंशन पाने के हकदार हो जाएंगे। आपकी पेंशन आपकी सैलरी के आधार पर मिलती है। अभी न्यूनतम पेंशन 1 हजार रुपये है। इसी को बढ़ाकर 7500 रुपये करने की चर्चा है।
EPFO ने कर ली पूरी तैयारी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार EPFO ने इसे लेकर पूरी तैयार भी कर ली है। जल्द ही सरकार इस प्रस्ताव पर मुहर लगा सकती है। पीएफ की पेंशन 58 साल बाद मिलती है। प्राइवेट कंपनियों में कर्मचारियों के रिटायर होने की उम्र 58 वर्ष होती है। हालांकि, कंपनी इस सेवा काल का बढ़ा भी सकती है। रिपोर्ट्स के अनुसार अगर न्यूनतम पेंशन 7500 रुपये हो जाती है तो इससे लगभग 78 लाख पेंशनर्स को राहत मिलेगी। इस पेंशन में सरकार डियरनेस अलाउंस (DA) भी बढ़ा सकती है।

