प्याज की कीमतें और बढ़ने की आशंका, जानिए क्यों

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दिनेश माहेश्वरी
कोटा। महंगाई रोकने के तमाम सरकारी प्रयासों के बावजूद न खाद्य तेल सस्ते हुए और न दालें और न प्याज। इन दिनों सबसे ज्यादा तेजी प्याज और टमाटर में देखने को मिल रही है। अगर आने वाले दिनों में भी बेमौसम बारिश होती रही तो प्याज की कीमतों में और तेजी आ सकती है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक दिवाली तक प्याज की कीमतें स्थिर रहने की संभावना है। हालांकि, दिवाली के बाद कीमतों में उछाल आ सकता है। रिपोर्ट में व्यापारियों के हवाले से कहा गया है कि बेमौसम बारिश और नमी की वजह से दिसंबर तक प्याज की कीमतें प्रभावित होंगी। व्यापारियों के मुताबिक अगर आने वाले दिनों में मौसम खराब होता रहा तो प्याज की कीमतों में और इजाफा हो सकता है। वहीं, अनुकूल मौसम मिलता है, तो दिवाली तक कीमतें मौजूदा स्तरों पर स्थिर रह सकती हैं।

कोटा, जयपुर, दिल्ली और मुंबई सहित कई शहरों में प्याज की कीमतें 60 रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास हैं। बीते एक माह में प्याज की कीमतों में इजाफा हुआ है। नासिक जिले के बेंचमार्क लासलगांव बाजार में प्याज का औसत थोक मूल्य 16 सितंबर को 14.75 रुपये प्रति किलोग्राम पर था, जो अब बढ़कर 16 अक्टूबर को 33.40 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है।

खाद्य, सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि पिछले एक महीने में प्याज और टमाटर की खुदरा कीमतों में काफी वृद्धि हुई है। दिल्ली में प्याज के दाम सितंबर के 33 रुपये किलो से बढ़कर 47 रुपये किलो हो गए हैं। टमाटर के मामले में भी कीमतों में तेजी आई है। दिल्ली के बाजार अब इसे 59 रुपये किलो पर बेच रहे हैं, जबकि एक महीने पहले यह 28 रुपये किलो था। कुछ अन्य जगहों पर प्याज की कीमतें 50 रुपये किलो को पार कर गई हैं, जबकि टमाटर की कीमतें 60 रुपये किलो के करीब हैं।

निर्यात पर रोक लगेगी
बता दें कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा प्याज निर्यातक भी है। ऐसा माना जा रहा है कि सरकार कीमतों की वृद्धि को रोकने के लिए निर्यात पर प्रतिबंध लगा सकती है। अगर ऐसा होता है तो बांग्लादेश, नेपाल, मलेशिया और श्रीलंका में प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। वहीं, सरकार बफर स्टॉक से प्याज रिलीज करने में तेजी लाएगी।