अहमदाबाद। अभी तक आपने टिकट वेंडिंग मशीन या पानी वेंडिंग मशीन देखी होगी। अब पानीपूरी वेंडिंग मशीन भी आ गई है। यह मशीन गुजरात के युवक ने ईजाद की है जो पैसा देने पर बदले में ऑटोमैटिक पानीपूरी देती है। यह वेंडिंग मशीन किसी एटीएम की तरह काम करती है। ग्राहक इसमें दस रुपए का नोट या सिक्का डालेगा तो बदले में मशीन से पानीपूरी की एक प्लेट हाजिर होगी, वह भी फ्लेवर के साथ।
आसपास के इलाकों में यह पानीपूरी की वेंडिंग मशीन अब बहुत लोकप्रिय हो गई है। उत्तर गुजरात के एक छोटे से गांव में मोबाइल शॉप करने वाले युवक ने पानीपूरी की वेन्डिंग मशीन बनाई है। इसमें आप सिक्का अथवा नोट डालेंगे तो वह अपने आप गिनकर पानीपूरी परोस देगी। इसका उपयोग एटीएम जितना ही सरल है और काम भी उसी तरह करती है।
साबरकांठा की डीसा तहसील के रवियाणा गांव में रहने वाले 20 वर्षीय भरत भाई प्रजापति दसवीं तक पढे लिखे हैं। वे गांव में एक मोबाइल शॉप चलाते हैं, कुछ माह से उनके दिमाग में पतासी [पानीपूरी] की ऑटोमैटिक मशीन बनाने का विचार चल रहा था। इसके लिए वे कई जगह से अलग अलग साधन व पाट्र्स जुटा रहे थे। भरत भाई बताते हैं कि भारत सरकार के मेक इन इंडिया, कोरोना महामारी के दौरान साफ सफाई व सोशल उिस्टेंसिंग व वेस्ट में से बेस्ट कई कॉन्सेप्ट को यह प्रोजेक्ट पूरा करता है।
एटीएम की तरह काम करता है
स्टार्ट का बटन दबाने के बाद स्क्रीन पर आपको रुपये का विकल्प चुनना होता है तथा साथ ही दस रुपए के सिक्के से लेकर दस से सौ रुपये की नोट इसमें डाली जा सकती है। पैसे डालते ही मशीनउसे स्केन कर उतनी कीमत की पतासी एक कतार में निकालना शुरु करती है। पतासी को लेकर जब नल के नीचे उसे ले जाएंगे तो आपके चुने हुए फ्लेवर का मसाला पानी उससे आ जाएगा। इसका उपयोग एटीएम जितना ही सरल है और काम भी उसी तरह करती है। गांव वाले इसे पतासी का एटीएम भी कहने लगे हैं।
भारत भाई का कहना है कि हर उम्र के महिला पुरुष पतासी खाना पसंद करते हैं, बडे शहरों में तो यह एक बडा कारोबार है। अगर इसकी ऑटोमैटिक मशीन बना दी जाए तो कई दुकानदार भी इसका उपयोग कर इस व्यापार से अतिरिक्त आय कमा सकते हैं। इसमें एक बार में 100 पतासी भरी जा सकती है। और तीन तरह का फ्लेवर वाला मसाला पानी स्टोर किया जा सकता है। कोरोना महामारी के चलते जब देश में लॉकडाउन हो गया तो उनको अपने इस प्रोजेक्ट की अहमियत का अंदाजा हो गया ओर वे रात दिन इसमें जुट गए।

