पाकिस्तान, बांग्लादेश और चीन मिलकर कर रहे भारत के खिलाफ नई साजिश, जानिए क्या

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इस्लामाबाद। दक्षिण एशिया में बड़ा भू-राजनीतिक बदलाव देखा जा रहा है। इसका मुख्य केंद्र बिंदू पाकिस्तान बना हुआ है। पाकिस्तान इस इलाके के देशों को भारत के खिलाफ भड़का रहा है, ताकि वह अपने हितों को साध सके। इसमें पाकिस्तान का साथ चीन और बांग्लादेश दे रहे हैं।

ये तीनो देश दक्षिण एशिया के बाकी देशों को नए SAARC में शामिल होने का प्रस्ताव दे रहे हैं। दरअसल, दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) लंबे समय से निष्क्रिय है। इसका प्रमुख कारण पाकिस्तान की आतंकवादी हरकतें हैं, जिससे लगभग हर पड़ोसी परेशान हैं। इसी कारण भारत ने सॉर्क का बहिष्कार किया हुआ है, जिसे बाकी सदस्य देशों का समर्थन प्राप्त हैं।

हालांकि, अब बांग्लादेश में सत्ता बदलने और मोहम्मद यूनुस के काबिज होने के बाद पाकिस्तान को बड़ा मौका दिखने लगा है। चीन भी इसमें खुलकर पाकिस्तान की मदद कर रहा है। ऐसे में पाकिस्तान सभी दक्षिण एशियाई देशों को नए क्षेत्रीय गठबंधन में शामिल होने का प्रपोजल दे रहा है।

हालांकि, इन तीन देशों के अलावा किसी भी अन्य ने पाकिस्तान के इस प्रस्ताव में दिलचस्पी नहीं दिखाई है, क्योंकि उन्हें पता है कि भारत के बिना ऐसे किसी भी गठबंधन का कोई औचित्य ही नहीं है। इसी कारण पाकिस्तान का यह प्रस्ताव सिर्फ जुबान तक ही सीमित है और धरातल पर उतरने के कोई चांस नहीं दिख रहे।

पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने पिछले हफ्ते कहा था कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और चीन के बीच एक बढ़ती हुई त्रिपक्षीय पहल में दूसरे दक्षिण एशियाई देश भी शामिल हो सकते हैं।

उन्होंने इसे “वेरिएबल ज्योमेट्री” कोऑपरेशन का एक नया रूप बताया, जिसका मतलब है टेक्नोलॉजी, कनेक्टिविटी और इकोनॉमिक ग्रोथ पर फ्लेक्सिबल पार्टनरशिप। असल में, यह आइडिया एक नए SAARC जैसा है, लेकिन इसे भारत के बिना ऑपरेट करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें दक्षिण एशियाई देश न होने के बावजूद चीन शामिल होगा, जो इस गुट को अपने इशारों पर नचाएगा।

इशाक डार का दावा है कि इस नए गुट का मकसद कोऑपरेशन है, टकराव नहीं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इसका असली निशाना भारत है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि भारत ने पाकिस्तान की अध्यक्षता में होने वाले सार्क की बैठक का बहिष्कार किया था, जिसका दूसरे सदस्य देशों ने भी समर्थन किया था।

इस वजह से पाकिस्तान चिढ़ा हुआ है और भारत को बाइपास कर नया गुट बनाने की कोशिश कर रहे है। मोहम्मद यूनुस घोषित रूप से भारत विरोधी विदेश नीति चला रहे हैं। ऐसे में वह भी सार्क के इस कथित नए स्वरूप को लेकर उत्साहित हैं और हो सकता है कि उनके नेतृत्व में बांग्लादेश इसमें शामिल भी हो जाए।