नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर जेएनयू के चीनी स्टडीज के एक्सपर्ट प्रोफेसर श्रीकांत कोंडापल्ली ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने दावा किया है कि पहलगाम आतंकी हमले में शामिल एक आतंकवादी ने चीनी सैटेलाइट कनेक्शन वाले Huawei फोन का इस्तेमाल किया था। जिसके जरिए वह पाकिस्तान को मैसेज भेजता था।
एक इंटरव्यू में प्रोफेसर श्रीकांत कोंडापल्ली ने चीन पर आतंकवाद के खिलाफ दोहरा रवैया का आरोप लगाते हुए कहा, चीन ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान का समर्थन किया था। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि चीन ने ऑपरेशन सिंदूर के समय पाकिस्तान का साथ दिया था।
एएनआई को दिए गए इंटरव्यू में प्रोफेसर कोंडापल्ली ने कहा कि चीन ने हमले से पहले पहलगाम की सैटेलाइट तस्वीरें पाकिस्तान को दी थीं। पाकिस्तानियों को 120-129 स्लाइड मिली थीं। प्रोफेसर ने यूएनएससी में टीआरएफ का नाम हटाने के पाकिस्तान के प्रयासों पर भी बात की। टीआरएफ वही संगठन है, जिसने पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी।
कोंडापल्ली ने यूएनएससी में टीआरएफ का नाम हटाने के इस्लामाबाद के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला। पहलगाम हमले के बाद TRF ने जिम्मेदारी ली थी। उन्होंने कहा, SCO घोषणापत्र आतंकवाद के मु्द्दे पर पहलगाम हमले का जिक्र किया गया था लेकिन इसमें टीआरएफ का जिक्र नहीं किया। इस घोषणा में पाकिस्तान के बलूचिस्तान में बलोच लड़ाकों द्वारा जाफर एक्सप्रेस में किए गए हमले का भी जिक्र था। चीन की यह रणनीति दिखाती है कि भारत आतंकवाद के मुद्दे पर चीन पर भरोसा नहीं कर सकता।
चीन ने की थी पाकिस्तान की मदद
प्रोफेसर ने यह भी बताया कि चीन ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की मदद की थी। पाकिस्तानी वायु सेना को जानकारी दी थी। चीन ने पाकिस्तान को JF-17, J-10 जैसे सैन्य उपकरण और HQ-9 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल बैटरी भी दी हैं।

