निर्माण कार्यों में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं, अधिकारी मौके पर जाकर देखें

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ऊर्जा मंत्री ने की सांगोद विधानसभा क्षेत्र के लिए स्वीकृत आपदा राहत प्रस्तावों की समीक्षा

कोटा/ सांगोद। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि निर्माण से जुड़े विभाग अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाएं। सड़क एवं सरकारी भवन निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण हों एवं निर्माण कार्यों की उच्च स्तर पर लगातार मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने एसडीआरएफ के तहत स्कूल, आंगनबाड़ी एवं अन्य सरकारी भवनों तथा सड़क मरम्मत के लिए मिलने वाली राशि का सदुपयोग करते हुए गुणवत्तापूर्ण कार्य करवाने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि स्कूल भवन एवं कमरों के निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग एसडीएम लेवल पर बनी कमेटी द्वारा की जाए एवं तकनीकी स्वीकृति के लिए भेजा जाने वाला तखमीना पीडब्ल्यूडी के जेईएन द्वारा बनाया जाए ताकि उसमें तकनीकी खामियां नहीं रहें। उन्होंने कहा कि भवनों एवं सड़क का निर्माण ठेकेदार के भरोसे नहीं छोड़ा जाए एवं अधिकारी मौके पर जाकर गुणवत्ता की जांच करें।

श्री नागर गुरुवार को जिला कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में जिला कलक्टर एवं अन्य अधिकारियों के साथ सांगोद विधानसभा क्षेत्र में आपदा राहत प्रस्तावों की स्वीकृति एवं किए जाने वाले कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में सांगोद विधानसभा क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि ठेकेदार द्वारा किए जा रहे सड़क एवं भवन निर्माण कार्यों की फोटो-वीडियो मंगवाई जाए जिससे मॉनिटरिंग में आसानी हो। उन्होंने स्पष्ट किया कि कार्य की गुणवत्ता खराब पाए जाने पर निर्माण कार्यों में लापरवाही बरतने एवं गुणवत्ता से समझौता करने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने पिछले दिनों सांगोद विधानसभा क्षेत्र में सीसी सड़क एवं विद्यालय भवन के निरीक्षण के दौरान पाई गई अनियमितता का जिक्र करते हुए कहा कि स्कूल भवन बनाते समय छत की वॉटरप्रूफिंग आवश्यक रूप से हो ताकि पानी रिसकर छत एवं दीवारों के अंदर नहीं जाए। उन्होंने कहा कि बारिश से पहले स्कूल भवनों की छत की सफाई करवाई जाए ताकि छत पर कचरा एवं पानी एकत्र नहीं रहे।

बैठक में बताया गया कि एसडीआरएफ के तहत सांगोद विधानसभा क्षेत्र में 209 स्कूल भवनों की मरम्मत की प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई है। उन्होंने कहा कि जिन भवनों की मरम्मत के लिए दो लाख रूपये से अधिक की जरूरत है। वहां आपदा राहत कोष की राशि के अलावा विधायक कोष से अथवा सीएसआर फंड से राशि दिलवाने के प्रयास किए जाएंगे ताकि भवन बच्चों के लिए सुरक्षित बनाए जा सकें।

अधिकारियों ने बताया कि सांगोद पंचायत समिति में स्कूल भवन मरम्मत के 97 एवं कनवास में 112 भवनों की मरम्मत के प्रस्तावों पर 4 करोड़ 18 लाख रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है। इसके अलावा सड़क, आंगनबाड़ी एवं अन्य सरकारी भवनों की मरम्मत के प्रस्ताव भी स्वीकृत हुए हैं।

पाइप लाइन के लिए खुदी सड़क की शीघ हो रिपेयरिंग
श्री नागर ने पीएचईडी अभियंताओं को निर्देश दिए कि जहां भी पाइपलाइन डालने के लिए सीसी रोड की कटिंग की जानी है वहां सीसी कटर ही उपयोग में लिया जाए। उन्होंने पाइपलाइन डालने के बाद सड़कों की गुणवत्तापूर्ण मरम्मत करने के निर्देश दिए।

किसानों को मिले खराबे का उचित मुआवजा
ऊर्जा मंत्री ने मानसून के दौरान अतिवृष्टि से हुए फसल खराबे का पर्याप्त मुआवजा किसानों को दिलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को कहा कि बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ समन्वय स्थापित कर फसल खराबे का सही मुआवजा किसानों को दिलाएं। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि जिला स्तर एवं ब्लॉक स्तर पर बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि उपलब्ध रहे ताकि किसानों की फसलों में खराबे का सही आकलन किया जा सके। उन्होंने फसल खराब रिपोर्ट जल्द आपदा प्रबंधन एवं राहत विभाग को भेजने के निर्देश दिए ताकि किसानों को समय पर मुआवजा मिले।

अनुपयोगी सरकारी भवनों की सूची बनाएं
ऊर्जा मंत्री ने विभिन्न ग्राम पंचायत में बने पटवार घर, किसान भवन सहित अन्य सरकारी भवन जो काम नहीं आ रहे हैं उनकी सूची तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्कूल आंगनबाड़ी संचालन के लिए जगह नहीं है और दूसरी और कई सरकारी भवन उपयोग में नहीं आने से जर्जर हो रहे हैं। ऐसे भवनों को चिन्हित किया जाए और उन्हें उपयोग में लिया जाए।

बैठक में जिला प्रमुख मुकेश मेघवाल, सांगोद प्रधान जयवीर सिंह, सुल्तानपुर प्रधान कृष्णा शर्मा, जिला कलक्टर पीयूष समारिया, एडीएम सीलिंग कृष्णा शुक्ला सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं जन प्रतिनिधि, किसान आदि उपस्थित थे।