धर्म आत्मा को अनंत दुखों से मुक्त कर अनंत सुख की ओर ले जाता है: विभाश्री माताजी

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कोटा। विज्ञान नगर स्थित दिगंबर जैन मंदिर में गणिनी प्रमुख आर्यिका विभाश्री माताजी ने चातुर्मास के दौरान सोमवार को अपने प्रवचन में कहा कि धर्म आत्मा को अनंत दुखों से मुक्त कर अनंत सुख की ओर ले जाता है। सम्यक दर्शन का सूत्र यदि आत्मा में पिरोया जाए, तो वह आत्मा संसार के मोह-माया में भटकने से बच जाती है और एक दिन अवश्य मोक्ष की अवस्था को प्राप्त करती है।

इसके पश्चात मृत्युमार्ग के रहस्य पर प्रवचन देते हुए माताजी ने कहा कि जब मनुष्य जीवन संघर्षों से थक जाता है और चिकित्सा भी असहाय सिद्ध हो जाती है, तब ईश्वर की शरण ही एकमात्र सहारा होता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो आत्मा भगवान के चरणों की शरण ग्रहण करती है, वह संसार के सभी संघर्षों और युद्धों पर विजय प्राप्त करती है। ऐसी आत्मा अजेय एवं अपराजेय हो जाती है।