धनिया, जीरा, सौंफ का उत्पादन घटा, मेथी की पैदावार पिछले साल से ज्यादा

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नई दिल्ली। हाल ही में गोवा में सम्पन्न हुए नौवें मसाला वार्षिक सम्मेलन में फेडरेशन ऑफ इंडियन स्पाइस स्टॉक होल्डर्स (फिस्स) द्वारा जारी किए अनुमानों के अनुसार चालू सीजन के दौरान देश में धनिया, सौंफ के अलावा जीरा का उत्पादन गत वर्ष की तुलना में कम माना गया है जबकि मेथी उत्पादन में वृद्धि दर्ज की गई है।

धनिया : फिस्स द्वारा जारी अनुमानों के अनुसार प्रमुख उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश, गुजरात एवं राजस्थान में धनिया की बिजाई 3.37 लाख हेक्टेयर पर की गई जबकि गत वर्ष बिजाई का क्षेत्रफल 3.64 लाख हेक्टेयर का रहा था। बिजाई घटने के कारण उत्पादन गत वर्ष के 1.15 करोड़ बोरी के मुकाबले 1.10 करोड़ बोरी (प्रत्येक बोरी 40 किलो) होने के अनुमान लगाए गए हैं।

जीरा : प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात एवं राजस्थान में इस सीजन के लिए जीरा की बिजाई 11.71 लाख हेक्टेयर पर की गई जबकि गत वर्ष बिजाई 12.64 लाख हेक्टेयर पर हुई थी। कमजोर बिजाई एवं प्रति हेक्टेयर उत्पादकता घटने के कारण इस वर्ष जीरा उत्पादन के अनुमान 97.93 लाख बोरी का लगाया गया है जबकि गत वर्ष उत्पादन का अनुमान 1.12 करोड़ बोरी (प्रत्येक बोरी 55 किलो) का लगाया गया था।

सौंफ : उत्पादकों को उनकी उपज का उचित मूल्य न मिलने के कारण सौंफ की बिजाई बुरी तरह से प्रभावित रही। वर्ष 2025 के लिए सौंफ की बिजाई केवल 92 हजार हेक्टेयर पर की गई जबकि वर्ष 2024 के लिए बिजाई का क्षेत्रफल 1.97 लाख हेक्टेयर का रहा था। यानी की 53 प्रतिशत की जोरदार गिरावट दर्ज की गई। बिजाई घटने के कारण सौंफ का उत्पादन भी गत वर्ष के 38.58 लाख बोरी के मुकाबले 18.68 लाख बोरी (प्रत्येक बोरी 55 किलो) होने के अनुमान व्यक्त किए गए है।

मेथी : प्रमुख उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश, गुजरात एवं राजस्थान में हालांकि बिजाई का क्षेत्रफल मामूली बढ़ा है। लेकिन अनुकूल मौसम के चलते प्रति हेक्टेयर उत्पादकता बढ़ने के कारण मेथी उत्पादन गत वर्ष की तुलना में अधिक होने के समाचार हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार मेथी की बिजाई गत वर्ष के 1.28 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 1.30 लाख हेक्टेयर पर की गई है। जबकि उत्पादन 17.16 लाख क्विंटल होने के अनुमान लगाए गए हैं। गत वर्ष मेथी का उत्पादन 16.61 लाख क्विंटल का माना गया था।