देश भर में अभी तक 23 लाख टन सरसों का स्टॉक मौजूद, नई फसल फरवरी से

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जयपुर। प्रमुख उत्पादक राज्यों में रबी सीजन की सबसे प्रमुख तिलहन फसल- सरसों की जोरदार बिजाई जारी है जबकि आपूर्ति का ऑफ सीजन होने के कारण थोक मंडियों में इसकी आवक घटने लगी है। सरसों की नई फसल फरवरी से आने की संभावना है।

जयपुर (राजस्थान) के चांदपोल की अनाज मंडी में अवस्थित एक लोकप्रिय एवं विश्वसनीय व्यापारिक प्रतिष्ठान मरुधर ट्रेडिंग एजेंसी के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल चतर द्वारा संकलित आंकड़ों से पता चलता है कि 2025 के आरंभिक नौ महीनों में यानी फरवरी से नवम्बर के दौरान देश भर की मंडियों में सरकारी क्रय केन्द्रों पर कुल मिलाकर 96.75 लाख टन सरसों की आवक हुई।

सरकारी क्रय केन्द्रों पर मार्च में 50 हजार टन, अप्रैल में 9 लाख टन तक मई 2025 में 25 हजार टन सहित कुल 9.75 लाख टन सरसों की आवक हुई और सरकारी एजेंसियों द्वारा इसकी खरीद की गई।

दूसरी ओर खुली थोक मंडियों में मार्च 2025 में 14.50 लाख टन,अप्रैल में 15 लाख टन, मई में 11 लाख टन, जून में 10 लाख टन, जुलाई में 8 लाख टन, अगस्त में 7.50 लाख टन, सितम्बर में 7 लाख टन, अक्टूबर में 7.50 लाख टन एवं नवम्बर 2025 में 6.50 लाख टन सरसों की आपूर्ति हुई जिससे खरीद व्यापारियों / स्टाकिस्टों एवं तेल मिलर्स द्वारा की गई।

मरुधर ट्रेडिंग एजेंसी के अनुसार 1 मार्च 2025 को किसानों के पास 1 लाख टन सरसों का पिछला स्टॉक था और 2024-25 के रबी सीजन में 109.25 लाख टन का उत्पादन आंका गया। इसमें से 96.75 लाख टन की बिक्री हो गई और अब उत्पादकों के पास 13.50 लाख टन का स्टॉक रह गया है।

उधर सरकारी एजेंसियों के पास 7 लाख टन सरसों का पुराना स्टॉक था और चालू सीजन के दौरान उसने 9.75 लाख टन की खरीद की। इसमें से 11.25 लाख टन की बिक्री हो गई और अब उसके पास 5.50 लाख टन का स्टॉक बचा हुआ है।

मार्च से नवम्बर 2025 के दौरान तेल मिलर्स द्वारा 95.25 लाख टन सरसों की क्रशिंग की गई जबकि पिछले साल को मिलाकर प्रोसेसर्स एवं स्टॉकिस्टों के पास 4 लाख टन का स्टॉक बचा हुआ है।

इस तरह नवम्बर के अंत या दिसम्बर के प्रांरभ में किसानों के पास 13.50 लाख टन, मिलर्स / स्टॉकिस्टों के पास 4 लाख टन एवं सरकारी एजेंसियों के पास 5.50 लाख टन को मिलाकर देश में कुल 23 लाख टन सरसों का स्टॉक बचा हुआ था।