कोटा। गुरु आस्था परिवार कोटा के तत्वावधान में शनिवार को आचार्य प्रज्ञासागर मुनिराज संघ के पावन सान्निध्य में दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का भव्य शुभारंभ हुआ। नया नौहरा स्थित सभास्थल पर आयोजित इस ऐतिहासिक अधिवेशन में देशभर से हजारों गुरुभक्तों ने उपस्थिति दर्ज कराई। अधिवेशन का मुख्य उद्देश्य धर्म संवर्धन, संत संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक सहयोग को बढ़ावा देना रहा।
इस ऐतिहासिक अवसर पर मासिक पत्रिका ‘वृक्षांजलि’ का विमोचन किया गया। यह मासिक पत्रिका 32 पृष्ठ रहेगी। साथ ही आचार्य प्रज्ञासागर महाराज द्वारा निर्धारित एक करोड़ वृक्षारोपण के महत्वाकांक्षी लक्ष्य पर आधारित एंथम सॉन्ग भारत वर्ष में हो हरियाली, गुरु यह सपना है जरूर होगा…एक दिन होगा… एक कोटि हो वृक्ष यही लक्ष्य गुरूदेव ने रखा है…एक दिन होगा…जरूर होगा को लॉन्च किया गया।
गुरु आस्था परिवार कोटा के अध्यक्ष लोकेश जैन सीसवाली ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रख्यात शिक्षाविद गोविंद माहेश्वरी उपस्थित रहे। संघपति मदनभाई हुमड़ (बड़ोदरा) ने अपने उद्बोधन में गुरु आस्था परिवार के गठन के कार्यों एवं उद्देश्यों को रेखांकित करते हुए बताया कि इस संगठन का मुख्य लक्ष्य गुरुदेव प्रज्ञासागर का एक करोड़ वृक्षारोपण का महत्वाकांक्षी संकल्प पूर्ण करना, साधु-संतों के लिए विहार धामों का निर्माण करना है।
उन्होंने कहा कि वृक्ष लगाने के साथ-साथ तीन वर्षों तक उनकी देखभाल करना अनिवार्य है। प्रत्येक शहर में गुरु आस्था परिवार के सदस्यों, अध्यक्ष, महामंत्री एवं कोषाध्यक्ष की नियुक्ति, नियमावली का गठन, सरकारी नियमों का पालन, ऑडिट करवाना, समयानुसार राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन करना, शहरों में संत विहार धाम का निर्माण एवं क्षेत्रीय गुरु आस्था परिवार द्वारा संचालन करना प्रमुख कार्य हैं।
चेयरमैन यतीश जैन खेड़ावाला ने सभी गुरुभक्तों की ओर से गुरुदेव प्रज्ञासागर महाराज को विन्यांजलि अर्पित करते हुए उनके लौकिक जीवन से आध्यात्मिक जीवन की यात्रा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गुरुदेव ने जैन धर्म के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ जीर्ण-शीर्ण मंदिरों के जीर्णोद्धार में उल्लेखनीय योगदान दिया है।
तपोभूमि प्रणेता गुरुवर आचार्य प्रज्ञासागर मुनिराज ने अपने मार्मिक प्रवचन में अधिवेशन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, णमोकार मंत्र जिसकी आधारशिला है, साधुओं की सेवा—आहार एवं विहार में जो तत्पर है, हर दिगंबर मुनि के प्रति जो करबद्ध है, अनर्गल, मिथ्या एवं मेरे-तेरे से ऊपर उठकर देव, शास्त्र एवं गुरु में आस्था रखता हो, उनका परिवार ही गुरु आस्था परिवार है।
600 से अधिक लोगों ने लिया संकल्प
गुरुदेव ने अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि एक करोड़ वृक्ष लगाना उनका मिशन है और यह लक्ष्य गुरुभक्तों के माध्यम से ही पूर्ण होगा। यदि प्रतिवर्ष 100 पौधों का संकल्प भी पूर्ण किया गया, तो आप अगले 10 वर्षों में 1000 पौधे लगा सकेंगे। यह कार्य आप अपने परिजनों एवं स्वयं के जन्मदिवस और शादी की सालगिरह पर आयोजित कर सकते हैं।गुरुदेव के संकल्प को साकार करने के लिए लगभग 600 से अधिक लोगों ने हाथ उठाकर अपनी सहमति प्रकट की और वृक्षारोपण का संकल्प लिया।
धरती माँ की पुकार
गुरुदेव ने भावुक होते हुए कहा, यह मात्र गुरु प्रज्ञासागर का आदेश नहीं, यह धरती माँ की पुकार भी है। अक्टूबर माह में तापमान बहुत ऊपर है। पूर्व में इस समय तक तो सर्दियाँ प्रारंभ हो जाती थीं। ऐसे में धरती एवं पर्यावरण के प्रति यह आपका नैतिक कर्तव्य भी है।

