दिव्यांग यात्रियों को रियायती कार्ड पर ट्रैन किराये में 25 से 75% तक विशेष छूट

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कोटा। भारतीय रेलवे दिव्यांग यात्रियों को सुलभ, सुरक्षित और किफायती यात्रा का अनुभव प्रदान करने के लिए निरंतर प्रतिबद्ध है। इसी दिशा में पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल द्वारा भी दिव्यांगजन यात्रियों को मुख्यधारा से जोड़ने तथा उन्हें रेल यात्रा में अधिक सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ जैन ने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान अप्रैल से अब तक कोटा मंडल द्वारा कुल 616 दिव्यांग रियायत कार्ड जारी किए जा चुके हैं। वहीं, सितंबर माह में ही 110 कार्ड जारी किए गए हैं। यह पहल दिव्यांगजनों के लिए रेलवे यात्रा को और अधिक सहज, सम्मानजनक एवं आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

दृष्टिहीन यात्रियों के लिए अलग प्रारूप
दिव्यांग सेल प्रभारी जयराम मीणा के अनुसार, भारतीय रेलवे द्वारा दृष्टिहीन, मानसिक रूप से अस्वस्थ, श्रवण एवं वाणी बाधित तथा शारीरिक रूप से दिव्यांग (ऑर्थोपेडिकली हैंडिकैप्ड) यात्रियों को 25% से 75% तक किराये में विशेष छूट प्रदान की जाती है।

पूर्व में इन चारों श्रेणियों के लिए एक ही प्रारूप (फॉर्म) का उपयोग किया जाता था, परंतु वर्ष 2025 से रेलवे ने दृष्टिहीन यात्रियों के लिए अलग प्रारूप (एनेक्सचर-1) तथा अन्य श्रेणियों के लिए अलग प्रारूप (एनेक्सचर-2) जारी किया है। विशेष रूप से दृष्टिहीनता की 90% या उससे अधिक स्तर पर भी रियायत का प्रावधान किया गया है, जो दृष्टिबाधित यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत है।

इसके अतिरिक्त, यदि दिव्यांग यात्री के साथ कोई सहयोगी (एस्कॉर्ट) यात्रा करता है, तो उसे भी समान रियायत प्राप्त होती है। जारी किए गए रियायत कार्ड की जानकारी रेलवे के सॉफ़्टवेयर में अपडेट कर दी जाती है, जिससे टिकट बुकिंग के समय कार्ड की फोटो कॉपी प्रस्तुत कर आसानी से छूट का लाभ लिया जा सकता है। यह सुविधा ई-टिकट बुकिंग के दौरान भी उपलब्ध है।

दिव्यांग रियायत कार्ड बनवाने की प्रक्रिया
दिव्यांगजन अब आसानी से ऑनलाइन माध्यम से रियायत कार्ड बनवा सकते हैं। इसके लिए आवश्यक दस्तावेज निम्नलिखित हैं –

  1. जिला चिकित्सा अस्पताल द्वारा जारी दिव्यांग प्रमाणपत्र (डिसएबिलिटी सर्टिफिकेट)
  2. रेलवे रियायत प्रमाणपत्र, जो पश्चिम मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाले सरकारी अस्पताल से जारी किया गया हो, जिसमें यह उल्लेख हो कि यात्री बिना सहयोगी के यात्रा करने में असमर्थ है। (इसका प्रारूप भारतीय रेलवे की वेबसाइट https://divyangjanid.indianrail.gov.in से डाउनलोड किया जा सकता है)
  3. आधार कार्ड एवं जन्म प्रमाणपत्र
  4. पासपोर्ट आकार का फोटो

इन दस्तावेजों को भारतीय रेलवे की वेबसाइट पर अपलोड करना होता है। सत्यापन के बाद कार्ड जारी कर दिया जाता है और आवेदक को इसकी जानकारी एसएमएस के माध्यम से दी जाती है। आवेदन करते समय सभी जानकारी सही-सही भरना अत्यंत आवश्यक है।

वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ जैन ने बताया, “हमारा प्रयास है कि दिव्यांगजन यात्रियों को सहज, पारदर्शी और सरल प्रक्रिया के माध्यम से रेलवे की सुविधाओं का लाभ मिले। रियायत कार्ड बनाने की प्रक्रिया को सरल बनाकर हम उनकी यात्रा को अधिक सम्मानजनक और आत्मनिर्भर बना रहे हैं। हमारा उद्देश्य है कि प्रत्येक दिव्यांगजन स्वयं को समाज की मुख्यधारा से जुड़ा हुआ महसूस करे।”

दिव्यांग रियायत कार्ड से संबंधित किसी भी जानकारी या सहायता के लिए यात्री कोटा मंडल के दिव्यांग सेल प्रभारी जयराम मीणा से संपर्क कर सकते हैं। उनसे मोबाइल नंबर 9256104334 पर प्रातः 10:00 बजे से सायं 06:00 बजे तक कार्य दिवसों में संपर्क किया जा सकता है।