नई दिल्ली। दिल्ली धमाके के बाद पकड़ा गया डॉ. आरिफ मीर जम्मू के मोबाइल नंबर के सहारे हत्थे चढ़ा। सूत्रों के अनुसार वह इस नंबर का इस्तेमाल डॉ. शाहीन और फिदायीन डॉ. उमर से बात करने में करता था। डॉ. शाहीन के साथ चैटिंग और कॉल डिटेल मिलने पर दिल्ली की स्पेशल टीम ने उसे दबोचा। एजेंसियों के पास आरिफ का कोई फोटो नहीं था।
डॉ. आरिफ का पुराना नंबर जम्मू का है। इसी नंबर से वह अपने पुराने दोस्तों के भी संपर्क में था। सूत्रों के मुताबिक कानपुर आने के बाद उसने यहां एक नया नंबर लिया जो कॉर्डियोलॉजी के डॉक्टरों से बातचीत के लिए प्रयोग करता था। जम्मू से लाए मोबाइल नंबर का वह कभी-कभी ही इस्तेमाल करता था। इस नंबर वाले मोबाइल को वह अपने साथ नहीं रखता था।
सूत्र बताते हैं कि यह मोबाइल नंबर कुछ समय के लिए खुलता था फिर बंद हो जाता था। दिल्ली की स्पेशल सेल भी इसी नंबर की तलाश करने कानपुर आई थी। मंगलवार रात करीब डेढ़ बजे उसे उठाने के लिए जब जम्मू वाले मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लिया गया तो वह बंद निकला।
सुबह आठ बजे के आसपास नंबर खुला और कुछ देर बाद फिर बंद हो गया। हालांकि एजेंसियों को उसकी अंतिम लोकेशन मिल चुकी थी। इसी लोकेशन के आधार पर उसे हिरासत में लिया गया।
धमाके के दो दिन पहले उमर से की थी बात
पुलिस और जांच एजेंसियों से जुड़े सूत्र बताते हैं कि डॉ. आरिफ दिल्ली धमाके से एक-दो दिन पहले उसके डॉ. उमर से बातचीत करने के साक्ष्य मिलने की बात सूत्र बता रहे हैं। डॉ. शाहीन के सीडीआर में चैट और कॉल मिलने के बाद दिल्ली स्पेशल सेल उसे उठाने कानपुर पहुंची थी।

