कोटा। विज्ञान नगर स्थित दिगंबर जैन मंदिर में श्रावक संस्कार शिविर आज से प्रारंभ होगा। शिविर में प्रातः 5 बजे योगाचार्य राकेश चड्ढा एवं पूनम चड्ढा द्वारा योगाभ्यास करवाया जा रहा है, जबकि ध्यान साधना गणिनी प्रमुख आर्यिका विभाश्री माताजी करवा रही हैं। यह शिविर अनंत चतुर्दशी तक प्रतिदिन सुबह 5 बजे से रात 8 बजे तक चलेगा।
अपने प्रवचन में बुधवार को गणिनी प्रमुख आर्यिका विभाश्री माताजी ने कहा कि “सच्ची साधना वही है जिसमें संयम, अनुशासन और आत्मचिंतन का समन्वय हो। आधुनिक साधनों से दूरी बनाकर आत्मा की शुद्धि के लिए समय निकालना प्रत्येक श्रावक का परम कर्तव्य है।
उन्होंने आगे कहा कि दसलक्षण पर्व का आरंभ होने जा रहा है, ऐसे में श्रावकों को साधु–संतों की चर्या का अनुसरण करना चाहिए। उत्कृष्ट साधक दस उपवास करें, मध्यम श्रेणी के साधक फल–पानी लेकर उपवास करें, जबकि अन्य साधक एक बार भोजन कर संयमपूर्वक उपवास का पालन कर सकते हैं।
माताजी ने भक्तामर स्तोत्र का महत्व बताते हुए कहा कि मनुष्य संसार को धोखा दे सकता है, परन्तु भगवान के चरणों में छल–कपट नहीं होना चाहिए। प्रतिदिन गौ घृत का दीपक लगाकर भक्तामर स्तोत्र का पाठ करने से रोग-व्याधियाँ दूर होती हैं और जीवन में स्वास्थ्य एवं शांति की प्राप्ति होती है।

