नई दिल्ली। सोयाबीन की आपूर्ति का ऑफ-सीजन शुरू हो गया है और इसकी बुवाई का रकबा भी पिछले साल से पीछे चल रहा है। त्योहारी सीजन के लिए सोया रिफाइंड तेल में अच्छी मांग देखी जा रही है, जबकि सोयामील की मांग भी मजबूत बनी हुई है। भारत सरकार अमेरिका से जीएम सोयाबीन के आयात की अनुमति देने को तैयार नहीं है। वैश्विक बाजार में सोयाबीन तेल की कीमत सीमित उतार-चढ़ाव के साथ स्थिर बनी हुई है। अर्जेंटीना में सोयाबीन तेल पर निर्यात शुल्क कम कर दिया गया है, जिससे भारत में आयात कुछ सस्ता हो सकता है।
प्लांट वाइज कीमतें
26 जुलाई से 1 अगस्त के सप्ताह के दौरान देश के तीन शीर्ष उत्पादक राज्यों – मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान – में सोयाबीन के प्लांट डिलीवरी मूल्य में 100-200 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई।
परिणामस्वरूप, सोयाबीन का प्लांट डिलीवरी मूल्य मध्य प्रदेश में बढ़कर 4650/4800 रुपये प्रति क्विंटल, महाराष्ट्र में 4750/4950 रुपये प्रति क्विंटल और राजस्थान (कोटा) में 4700/5025 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। ज्ञातव्य है कि चालू विपणन सत्र 2024-25 के लिए सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 4892 रुपये प्रति क्विंटल तय है, जिसे 2025-26 सत्र के लिए 436 रुपये बढ़ाकर 5328 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
सोया रिफाइंड तेल
सोया रिफाइंड तेल की मांग अच्छी है, लेकिन इसकी कीमतों में 5 से 15 रुपये प्रति 10 किलो का ही उतार-चढ़ाव आया है। इसकी कीमत पहले ही 120 रुपये प्रति किलो से ऊपर पहुँच चुकी है, इसलिए ऊँची कीमतों पर मांग कमजोर पड़ने की आशंका है। लेकिन रक्षाबंधन और गणेश चतुर्थी के कारण आगे सोया रिफाइंड तेल का कारोबार बेहतर रहने की उम्मीद है।
सोया DOC
सोया डीओसी में मजबूत घरेलू और निर्यात मांग देखी गई जिससे इसके दाम 3000 रुपये प्रति टन तक बढ़ गए। मध्य प्रदेश के एक प्लांट में यह 3000 रुपये बढ़कर 36500 रुपये प्रति टन हो गया। मध्य प्रदेश के साथ-साथ महाराष्ट्र में भी सोया डीओसी का अच्छा कारोबार हुआ और वहाँ एक प्लांट में इसके दाम में 3200 रुपये प्रति टन का उछाल आया। प्लांटों में इसकी अच्छी मांग रहने के दौरान सरकारी एजेंसियां अपने स्टॉक से सोयाबीन बेच रही हैं। भविष्य में अगर तेल और ऑयल मील की मांग अच्छी बनी रही तो सोयाबीन के दाम में मजबूती बनी रह सकती है।

