तेजस्वी यादव सीएम उम्मीदवार घोषित, गहलोत बोले- अब NDA बताए अपना नेता

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पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव महागठबंधन की ओर से सीएम उम्मीदवार घोषित हो गए हैं। कांग्रेस के सीनियर नेता अशोक गहलोत ने पटना में हुई साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बड़ा ऐलान किया है।

उन्होंने कहा कि हम लोकप्रिय एवं युवा नेता तेजस्वी यादव को सीएम फेस घोषित करते हैं। इसके अलावा पिछड़े समाज से आने वाले मुकेश साहनी जी को हम डिप्टी सीएम का चेहरा तय करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार बनने पर कुछ और पिछड़े वर्ग के नेता डिप्टी सीएम बनेंगे। इस तरह महागठबंधन में चली आ रही लंबी खींचतान समाप्त करने की कोशिश हुई है।

अशोक गहलोत ने यह बड़ा ऐलान करते हुए एनडीए से भी अहम सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि हमने तो अपने नेता तय कर दिया है। अब एनडीए भी बताए कि उनका नेता कौन है। उन्होंने कहा कि अमित शाह यह तो कह रहे हैं कि हमारा संसदीय दल तय करेगा कि सीएम कौन होगा।

इसका मतलब कि संशय है। उन्होंने कहा कि भाजपा ऐसा ही करती है। महाराष्ट्र में भी इन्होंने कहा था कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे। इससे संदेश गया कि शिंदे ही सीएम होंगे, लेकिन चुनाव नतीजे आने के बाद भाजपा ने अपना सीएम बना लिया।

तेजस्वी यादव ने भी अपने संबोधन में कहा कि अब भाजपा वाले बताएं कि उनका सीएम फेस कौन है। उन्होंने कहा कि ये लोग नीतीश कुमार के साथ अन्याय कर रहे हैं। तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में हालात ऐसे हैं कि पटना में बड़े-बड़े उद्योगपतियों को गोली मार दी जाती है।

सीएम आवास के बाहर गोलियां चलती हैं और कुछ नहीं होता। सचिवालय के बाहर, मेरे घर के बाहर गोलियां चलीं और कोई पकड़ा नहीं गया। तेजस्वी यादव ने कहा कि इस सरकार के पास कोई विजन ही नहीं है। हम तो अपना विजन लगातार बता रहे हैं। इनकी ओर से तो कोई मेनिफेस्टो या एजेंडा तक जारी नहीं किया गया है।

अब बिहार की बारी है
अशोक गहलोत ने कहा कि हालात पूरे देश में गंभीर हैं। कोई भी आलोचना करता है तो जेल जाना पड़ता है, चाहे पत्रकार हो या फिर ऐक्टिविस्ट। हर कोई बदलाव चाहता है, हमें जनता की इस भावना को समझना होगा। मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने आकलन कराया, जिसमें यह निकला कि जनता बदलाव चाहती है। राहुल गांधी जी की यात्रा में बिहार में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। आज जो शक्तियां सत्ता में हैं, उनका लोकतंत्र में कोई यकीन नहीं है। उन्होंने सिर्फ डेमोक्रेसी का मुखौटा लगा रखा है। पिछले बिहार चुनाव में भी हमारा शानदार प्रदर्शन था। फिर लोकसभा चुनाव में हमने उन्हें 240 पर लाकर छोड़ दिया, जो 400 के नारे लगा रहे थे।

पिछले चुनाव में ही हम जीत जाते
पिछले बिहार चुनाव में तो मामूली वोटों के अंतर से वे जीते थे। धन-बल की उनके पास कोई कमी नहीं है। वह चुनाव में हर तरीका अपनाते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड को खारिज कर दिया, लेकिन उनके पास जो पैसा जमा है, उसका क्या होगा। उनके पास कई अलग-अलग मॉडल हैं। उनका एक मॉडल चुनाव जीतने का भी है कि झूठे आरोप लगाओ और झूठे वादे और दावे करो। प्रधानमंत्री, गृह मंत्री से लेकर सभी लोग धन-बल की राजनीति करते हैं। महाराष्ट्र में इन्होंने कैसे चुनाव जीता यह बताने की जरूरत नहीं है। मैं 50 साल से राजनीति कर रहा हूं, लेकिन ऐसा चुनाव आयोग कभी नहीं देखा।

ऐसा बदतमीज चुनाव आयोग आज तक नहीं देखा
ऐसी बदतमीजी चुनाव आयोग ने कभी विपक्ष के साथ नहीं की। उनके पत्रों की भाषा भी देखने लायक होती है। चुनाव आयोग तो रूस और चीन में भी है, लेकिन जीत एक ही पार्टी की होती है। क्या हम भारत में भी ऐसी ही चुनावी व्यवस्था चाहते हैं।