नई दिल्ली। तमाम चुनौतियों, बाधाओं और प्रतिस्पर्धा के बावजूद भारत से मसालों का शानदार निर्यात जारी है। केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यानी अप्रैल-जून 2025 के दौरान मसालों के निर्यात से प्राप्त आमदनी बढ़कर 1156 मिलियन डॉलर से ऊपर पहुंच गई जो वर्ष 2024 के इन्हीं महीनों की निर्यात आय 1088 मिलियन डॉलर से 6.2 प्रतिशत अधिक रही।
यद्यपि पूरी तिमाही की निर्यात आय में वृद्धि हुई मगर जून में इसमें कुछ गिरावट दर्ज की गई। जून 2024 में मसालों की निर्यात आय 320.07 मिलियन डॉलर रही थी जो जून- 25 में 2.26 प्रतिशत गिरकर 312.85 मिलियन डॉलर पर अटक गई। मिलियन 10 लाख के समतुल्य होता है।
इससे पूर्व अप्रैल-मई के दौरान मसालों की निर्यात आमदनी पिछले साल के 768.82 मिलियन डॉलर से 9.7 प्रतिशत बढ़कर इस वर्ष 843.60 मिलियन डॉलर पर पहुंची थी।
अखिल भारतीय मसाला निर्यातक फोरम के अध्यक्ष का कहना है कि पिछले साल की तुलना में वर्तमान वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान देश से मसाला तेलों, मसाला मिक्स, लालमिर्च तथा बीजदार मसालों के निर्यात में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई।
दरअसल अमरीका में जुलाई से टैरिफ बढ़ने की आशंका से इन मूल्य संवर्धित मसाला उत्पादों का निर्यात बढ़ गया। चालू वित्त वर्ष के शेष महीनों के लिए भी साबुत मसालों एवं मसाला उत्पादों के निर्यात का परिदृश्य बेहतर नजर आ रहा है।
यह देखना आवश्यक होता है कि 1 अगस्त के बाद अमरीका की टैरिफ नीति कैसी रहती है। यदि वहां ब्राजील, वियतनाम, इंडोनेशिया एवं अन्य ऐसे देशों पर ऊंचे स्तर का टैरिफ लगाया गया जो मसालों की अच्छी आपूर्ति करते हैं तो भारत की प्रतिस्पर्धी क्षमता वहां स्वाभाविक रूप से बढ़ जाएगी।
इस बार भारत में मौसम एवं मानसून की हालत अनुकूल बनी हुई है जिससे मसालों का उत्पादन बेहतर होने की उम्मीद है। यदि वैश्विक बाजार की हालत अनुकूल बनी रही तो वित्त वर्ष 2024-25 के मुकाबले 2025-26 के दौरान मसालों के कुल निर्यात में 5 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हो सकती है।

