ट्रंप को मिर्ची लगे तो लगे, भारत को तेल की सप्लाई जारी रहेगी; पुतिन का ऐलान

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नई दिल्ली। दो दिवसीय भारत दौरे पर आए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पीएम मोदी ने शुक्रवार को संयुक्त बयान दिए। इसमें पुतिन ने दो टूक कहा कि भारत को होने वाली तेल की सप्लाई जारी रहेगी।

रूसी राष्ट्रपति के इस बयान से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मिर्ची लगना तय माना जा रहा है, क्योंकि वह भारत से रूसी तेल खरीदना बंद करने को कहते रहे हैं। यहां तक कि उन्होंने रूसी तेल खरीदने के लिए भारत पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ (कुल 50% टैरिफ) भी लगाया हुआ है।

पुतिन ने नई दिल्ली के दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा, “रूस तेल, गैस, कोयला और भारत की एनर्जी के विकास के लिए ज़रूरी हर चीज का एक भरोसेमंद सप्लायर है। हम तेजी से बढ़ती भारतीय इकॉनमी के लिए तेल की बिना रुकावट शिपमेंट जारी रखने के लिए तैयार हैं।”

उन्होंने कहा कि हम एनर्जी सेक्टर में सहयोग बढ़ाने पर विचार कर रहे है। व्लादिमीर पुतिन ने कहा, “रूस और भारत ब्रिक्स, एससीओ और दुनिया के दूसरे बड़े देशों में एक जैसी सोच वाले देशों के साथ इंडिपेंडेंट और आत्मनिर्भर फॉरेन पॉलिसी अपना रहे हैं।

हम यूएन में दिए गए कानून के मुख्य सिद्धांत की रक्षा कर रहे हैं।” साझा बयान में पुतिन ने आगे कहा कि हम अपने भारतीय पार्टनर्स के साथ मिलकर नए इंटरनेशनल ट्रांसपोर्ट रूट बनाने पर काम कर रहे हैं, जिसमें रूस या बेलारूस से हिंद महासागर के तट तक नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट बनाने का प्रोजेक्ट भी शामिल है।

इसके अलावा, रूस भारत के साथ मिलकर न्यूक्लियर प्लांट पर भी काम कर रहा है। पुतिन ने कहा, ”हम सबसे बड़ा भारतीय न्यूक्लियर प्लांट बनाने के प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहे हैं। छह में से तीन रिएक्टर पहले ही एनर्जी नेटवर्क से जुड़ चुके हैं।” पुतिन ने बताया कि पिछले साल, हमारे बाइलेटरल ट्रेड टर्नओवर में 12% की बढ़ोतरी हुई है, जो अलग-अलग डेटा के हिसाब से एक और रिकॉर्ड है।

यह नंबर अलग दिख सकता है, लेकिन यह आम तौर पर लगभग 64 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। अभी, हम अनुमान लगा रहे हैं कि इस साल के नतीजे उसी शानदार लेवल पर रहेंगे। साथ ही, जैसा मुझे लगता है, हम इस नंबर को $100 बिलियन के लेवल तक पहुंचाने के काम के लिए तैयार हैं।

प्रधानमंत्री ने हमें चुनौतियों की एक पूरी लिस्ट दी है जिन पर हमारी सरकार को सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। हम वह करेंगे। रूस और भारत के कमर्शियल लिंक को बढ़ाने में भारत और यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के बीच एक फ्री ट्रेड जोन बनने से मदद मिलेगी। हम पहले से ही इससे जुड़े एग्रीमेंट पर काम कर रहे हैं।