ट्रंप की भारी टैरिफ से अमरीका में भारतीय सोयामील का निर्यात प्रभावित

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मुम्बई। हालांकि अमरीका बार-बार भारत में विभिन्न उत्पादों पर भारी-भरकम आयात शुल्क लागू होने का रोना रो रहा है मगर हकीकत तो यह है कि स्वयं अमरीका में कई उत्पादों पर असाधारण स्तर का शुल्क लगा हुआ है जिसमें सोयामील भी शामिल है।

वर्ष 2021-22 में अमरिका के इंटरनेशनल ट्रेड कमीशन (आईटीसी) ने एंटी डम्पिंग की जाँच पड़ताल शुरू की थी मगर भारतीय निर्यातकों ने इस पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया। इसका परिणाम यह निकला कि वहां पिछले पांच वर्षों में भारतीय सोयामील के निर्यात में 90 प्रतिशत से अधिक की भारी गिरावट आ गई।

एक अग्रणी उद्योग संस्था- सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी) के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत से अमरीका को 2020-21 में करीब 2.27 लाख टन सोयामील का निर्यात हुआ था जो वर्ष 2024-25 में घटकर 21 हजार टन पर अटक गया।

2023-24 के सीजन में तो वहां महज 7 हजार टन से कुछ अधिक सोया डीओसी भेजा जा सका। इससे पूर्व 2022-23 में करीब 40 हजार टन तथा 2021-22 में 64 हजार टन सोयामील का शिपमेंट किया गया था। उल्लेखनीय है कि भारत से गैर जीएम सोयामील का निर्यात अमरीका में किया जा रहा था जिसके ऑर्गैनिक उत्पाद होने का दावा किया गया था।

वर्ष 2013-14 से इसके शिपमेंट की प्रक्रिया आरंभ हुई जो 2020-21 तक आते-आते 2.27 लाख टन के शीर्ष स्तर पर पहुंच गई। लेकिन एंटी डम्पिंग जांच-पड़ताल एवं आईटीसी के निष्कर्ष की वजह से वहां 2024-25 में निर्यात घटकर 21 हजार टन रह गया।

अमरीकी वाणिज्य मंत्रालय ने आरंभिक तौर पर इसकी पुष्टि की थी कि भारत से आयातित आर्गेनिक सोयामील की बिक्री अमरीकी बाजार में उचित मूल्य से कम दाम पर की जा रही है।1 जनवरी से 31 दिसम्बर 2020 के दौरान हुए कारोबार के आधार पर यह पुष्टि की गई। इसके बाद आईटीसी ने इसकी जांच-पड़ताल आरंभ कर दी।

आईटीए ने इच्छुक पार्टियों से इस शिकायत पर अपनी प्रतिक्रिया सर्व राय देने के लिए कहा था लेकिन सिर्फ एक निर्यातक को छोड़कर किसी अन्य ने आईटीई द्वारा भेजी गई नोटिस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इसे देखते हुए अमरीका में भारतीय सोया मील पर 290 प्रतिशत तक का भारी-भरकम एंटी डम्पिंग एवं काउंटरवेलिंग शुल्क लगा दिया गया।