ट्रंप की टैरिफ की चाल को कैसे पलटेंगे पीएम मोदी, जानिए क्या है प्लान

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नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाने के लिए आधिकारिक नोटिस जारी कर दिया है। भारत पर पहले से ही 25% टैरिफ लगाया गया है और 27 अगस्त से अतिरिक्त टैरिफ लागू हो जाएगा।

इस तरह भारत से आने वाले सामान पर कुल 50% टैरिफ लगेगा। इससे भारतीय निर्यातकों के लिए दूसरे देशों से प्रतिस्पर्द्धा करना मुश्किल होगा। लेकिन ट्रंप के टैरिफ के असर को कम से कम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कमर कस ली है।

मोदी ने 15 अगस्त को दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले से एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सरकार जीएसटी सुधारों की दिशा में आगे बढ़ रही है। जीएसटी में अभी चार स्लैब हैं जिनमें से दो स्लैब खत्म करने का प्लान है। इससे खासकर खाने-पीने की चीजें काफी सस्ती हो जाएंगी और ग्राहकों को फायदा होगा। प्रधानमंत्री की इस घोषणा से कई सरकारी अधिकारी भी हैरान थे। पिछले एक साल से सरकारी अफसर जीएसटी में बदलाव करने की बात कर रहे थे। लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ था।

मांग बढ़ाने की जुगत
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के एक अधिकारी ने बताया कि इस बारे में बातचीत चल रही थी पर घोषणा करने में कुछ महीने और लगते। लेकिन अमेरिकी टैरिफ के कारण मोदी सरकार जीएसटी में बदलाव जैसी नीतियों को जल्दी से लागू कर रही है। इससे अर्थव्यवस्था में भरोसा बढ़ेगा और ग्रोथ में तेजी आएगी। कई साल से ट्रेडर्स और अर्थशास्त्री कह रहे थे कि कुछ सुधारों की वजह से निवेश रुका हुआ है। मोदी ने नीतियों में बदलाव करने के लिए दो बड़ी कमेटियां बनाई हैं।

एक कमेटी की अगुवाई कैबिनेट सचिव टी.वी. सोमनाथन कर रहे हैं। यह कमेटी राज्यों में नियमों को आसान बनाने पर ध्यान देगी। दूसरी कमेटी के प्रमुख राजीव गाबा हैं जो नीति आयोग के सदस्य हैं। यह कमेटी अगली पीढ़ी के सुधारों के लिए सुझाव देगी। हाल ही में मोदी ने अपनी आर्थिक सलाहकार परिषद के साथ बैठक की।

इसमें अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए सुझाव लिए गए। बैठक में कई अर्थशास्त्रियों ने कहा कि मार्च 2026 तक 6.5% विकास दर हासिल की जा सकती है। कम महंगाई और ब्याज दरों में कटौती से अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाने के लिए नीति में बदलाव जरूरी हैं।

अमेरिका को एक्सपोर्ट
भारत की इकॉनमी अभी स्थिर है। इसलिए, सरकार के पास मुश्किल सुधार करने का मौका है। महंगाई 8 साल के सबसे निचले स्तर पर है। स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने 18 साल में पहली बार भारत की क्रेडिट रेटिंग बढ़ाई है। मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने कहा कि अर्थव्यवस्था के सभी आंकड़े अच्छे हैं। इससे सुधारों को तेजी से आगे बढ़ाने का मौका मिलता है, ताकि हम विकास की अगली सीढ़ी पर चढ़ सकें। नोमुरा होल्डिंग्स लिमिटेड की सोनल वर्मा ने कई सुधारों की बात की। उन्होंने कहा कि विदेशी निवेशकों के लिए नियमों को आसान बनाना, श्रम और भूमि कानूनों में ढील देना जरूरी है।