जैविक कृषि आज की आवश्यकता और भविष्य का वरदान है: कृष्णमुरारी
कोटा/ कनवास / देवली। श्रीरामशान्ताय जैविक कृषि अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र की ओर से गुरुवार को देवली कस्बे के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय स्थित बालाजी महाराज के मंदिर परिसर में गौ आधारित जैविक क़ृषि पर चिंतन बैठक आयोजित की गई। जिसमें मुख्य अतिथि भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय बीज प्रमुख कृष्ण मुरारी थे। अध्यक्षता श्रीरामशान्ताय गौ आधारित जैविक कृषि अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र जाखोड़ा के निदेशक ताराचंद गोयल ने की।
इस दौरान ताराचन्द गोयल ने कहा कि समस्त ग्रामवासियों के सहयोग से ही गौ आधारित जैविक क़ृषि का कार्य विराट स्वरूप ले पाएगा। इसके लिए प्रत्येक किसान स्वयं की प्रेरणा से इस कार्य के लिए कटिबद्ध हो, तो सफलता अवश्य प्राप्त होगी। पूरे गांव की कृषि भूमि गौ आधारित जैविक क़ृषि से शोभित होंगी।
इसके लिए समस्त किसान भाई सबसे पहले तय करें कि हमारे परिवारों के लिए वर्षभर में काम आने वाली आवश्यक खाद्य सामग्री अनाज, दाल, तेल का उत्पादन गौ आधारित जैविक कृषि से ही करेंगे।जिससे शुद्ध आहार स्वस्थ परिवार की संकल्पना साकार हो सकेगी। इस दौरान सभी ने संकल्प भी लिया।
मुख्य अतिथि कृष्ण मुरारी ने कहा कि गौ आधारित जैविक कृषि आज की आवश्यकता और भविष्य का वरदान है। पूरे देश में इस पर बड़े स्तर पर कार्य किया जा रहा है। हाड़ौती और कनवास तहसील के किसान इस अभियान में ध्वजवाहक बनें तो राज्य स्तर पर यह प्रयास प्रेरणा बनेगा। उन्होंने किसानों को आग्रह किया कि खेती का बीज स्वयं तैयार करने का प्रयास करें।
संस्थान के मुख्य प्रबंधक पवन टाक ने बताया कि गोयल ग्रामीण विकास संस्थान कोटा द्वारा स्थापित श्रीरामशान्ताय जैविक कृषि अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र कोटा के माध्यम से गौ आधारित जैविक कृषि के विकास एवं विस्तार हेतु निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
इसी के निमित्त कोटा जिले के कनवास तहसील के देवली, ठीकॉली, आमली, पिसाहेड़ा, जालरा, जालरी, उमरहेड़ी, ढोटी, ब्रजनगर, कुराड़, हरिपुरा मांझी, हरिपुरा झोंपड़ियां, कंदाफल, बंधा, खजूरी, गरमोडी आदि गांवों के किसानों के सहयोग से अभियान संचालित करने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।
भारतीय किसान संघ के जिला उपाध्यक्ष अश्विनी जैन ने बताया कि कुछ वर्ष पूर्व इस संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त कर हमने प्रयास शुरू किया है। उत्पादन रासायनिक कृषि से भी अच्छा प्राप्त हो रहा है। आज बाजार में भी हमारे द्वारा उत्पादित सामग्री की उपभोक्तओ में भी मांग बढ़ रही है। आज पूरा गांव इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। यह पूरे देश में हमारे लिए गर्व का विषय है।
कार्यक्रम में जैविक किसान लालचंद सुमन, प्रहलाद गोचर, करण सुमन, राधेश्याम नागर, आदि ने अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम में संस्थान के प्रतिनिधि पुरुषोत्तम शर्मा, रामनिवास मीणा, देशराज मीणा, विष्णु गोचर, हरिराम आदि भी मौजूद रहे।

