कोटा। दर्द न होता तो खुशी की कीमत न होती, और अगर सब कुछ चाहने से मिल जाता, तो दुनिया में ऊपर वाले की जरूरत न होती। यह प्रेरक विचार परम पूज्या आर्यिका शुभ श्री माताजी ने विज्ञान नगर दिगम्बर जैन मंदिर में आयोजित प्रवचन सभा में व्यक्त किए।
माताजी ने कहा कि जीवन का आधा दुख गलत लोगों से उम्मीद रखने से आता है और बाकी आधा सच्चे लोगों पर शक करने से। उन्होंने बताया कि सुख-दुख जीवन के दो पहलू हैं, जो आत्मा के विकास का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
धर्मसभा को सर्वश्री माताजी ने भी संबोधित करते हुए कहा कि “जैसे जिव्हा को नए-नए स्वाद का भोजन अच्छा लगता है, वैसे ही मन को ज्ञान के नए विचार प्रिय लगते हैं। भोजन के बिना शरीर कमजोर होता है और सच्चे ज्ञान के बिना आत्मा दुर्बल हो जाती है।”
चातुर्मास समिति अध्यक्ष विनोद टोरड़ी एवं कार्याध्यक्ष मनोज जैसवाल ने बताया कि कार्यक्रम के अंतर्गत बताया गया कि पूज्य विभाश्री माताजी 25 अक्टूबर की प्रातः 6 बजे रिद्धि-सिद्धि से विहार कर विज्ञान नगर पधारेंगी, जहां प्रवचन सभा का आयोजन होगा। वहीं, 26 अक्टूबर की प्रातः भव्य पिच्छि परिवर्तन मंगल, लकी ड्रॉ एवं कलश वितरण का आयोजन भी विज्ञान नगर में संपन्न होगा।
महामंत्री अनिल ठौरा ने बताया कि धर्मसभा का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। दीप प्रज्वलन का पुण्य सीताराम अग्रवाल को प्राप्त हुआ, जबकि मंगलाचरण साम्य श्री माताजी ने किया। कार्यक्रम में शास्त्र भेंट राजमल पाटौदी, सचिन सेठी, महावीर बाकलीवाल, कैलाश सीसवाली, इंद्र कुमार जैन, पारस धनोपिया एवं प्रेमचंद बाहुबली द्वारा किया गया।

